जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना के क्रियान्वयन के लिए नवीन दिशा-निर्देशों को स्वीकृति दी (New guidelines for Indira Gandhi Sheri Rojgar Yojana) है. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की तर्ज पर शहरी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई है.
सीएम गहलोत ने वर्ष 2022-23 के बजट में यह घोषणा की थी कि शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले परिवारों को प्रति वर्ष 100 दिन का रोजगार इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना के अन्तर्गत उपलब्ध करवाया जाएगा. इस महत्वाकांक्षी योजना पर राज्य सरकार प्रतिवर्ष 800 करोड़ रुपए व्यय करेगी. नवीन दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रस्तावित योजना में स्थानीय निकाय क्षेत्र में निवास कर रहे 18 वर्ष से 60 वर्ष की आयु के सदस्य का जन आधार कार्ड के आधार पर पंजीयन किया जाएगा. योजना में अनुमत कार्य करवाने के लिए राज्य/जिला/निकाय स्तर पर कमेटियों के माध्यम से कार्य स्वीकृत और निष्पादित करवाया जाएगा. सामान्य प्रकृति के कार्य स्वीकृत और निष्पादित कराने की सामग्री लागत व पारिश्रमिक लागत का अनुपात 25:75 और विशेष प्रकृति के कार्यों के लिए सामग्री लागत व पारिश्रमिक भुगतान का अनुपात 75:25 होगा.