जयपुर. एनसीआरबी की ओर से जारी किए गए साल 2021 के अपराधिक आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में महिलाओं के साथ अपराधों में बढ़ोतरी हुई (Crime against women in Rajasthan) है. वहीं, राजस्थान पुलिस के एडीजी क्राइम रवि प्रकाश मेहरडा ने नाबालिग बच्चियों की सुरक्षा की दृष्टि से राजस्थान को बेहतर बताया है. एडीजी क्राइम के मुताबिक खासकर नाबालिग बच्चियों की सुरक्षा की दृष्टि से राजस्थान देश में बेहतर स्थान पर है. हालांकि राजस्थान में युवतियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं के अधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं, लेकिन उसका प्रमुख कारण निर्बाध पंजीकरण की नीति का अपनाया जाना है.
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एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों की रोकथाम और अनुसंधान पर राजस्थान पुलिस की ओर से विशेष ध्यान दिया जा रहा है. महिला अत्याचार से संबंधित प्रकरणों में अनुसंधान में लगने वाला औसत समय भी घटा है. राज्य में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध होने वाले गंभीर अपराधों की गुणवत्ता पूर्ण अनुसंधान और प्रभावी परीक्षण के लिए राज्य के सभी पुलिस जिलों में स्पेशल यूनिट फॉर क्राइम अगेंस्ट वूमेन (Special Unit for Crime Against Women) का गठन किया गया है.
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48 प्रतिशत मामले झूठे: एडीजी डॉ रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि प्रदेश के सभी पुलिस थानों पर संचालित महिला हेल्प डेस्क पर पीड़िता को सुविधाजनक और सम्मानजनक वातावरण उपलब्ध कराया जा रहा है. इससे वह बेहिचक अपनी पीड़ा बता पा रही हैं और सुगमता से थानों में अभियोग दर्ज किया जा रहा है. एनसीआरबी के इन आंकड़ों में आए महिलाओं से दुष्कर्म के मामले में जांच के दौरान 48 प्रतिशत मामले झूठे भी पाए गए हैं.
निर्बाध पंजीकरण व्यवस्था से आंकड़ों में हुआ इजाफा: एडीजी क्राइम ने बताया कि हाल ही में एनसीआरबी की ओर से जारी साल 2021 के आंकड़ों में निर्बाध पंजीकरण व्यवस्था की वजह से आंशिक इजाफा देखने को मिला है. आंशिक वृद्धि यह प्रमाणित करती है कि राजस्थान के पुलिस थानों में अनुकूल वातावरण मिलने से पीड़ित में परिवाद दर्ज कराने का हौसला और पुलिस कार्रवाई में विश्वास बढ़ा है. पीड़ित की ओर से परिवाद पेश किए जाने पर प्रारंभिक अवस्था में पुलिस कर्मी तत्काल पीड़ित की एफआईआर दर्ज करते हैं.
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पॉक्सो एक्ट के मामले में राजस्थान 12 वें नबंर पर: एडीजी रवि प्रकाश मेहरडा के मुताबिक नाबालिग बच्चियों के विरुद्ध दर्ज होने वाले पॉक्सो एक्ट के मुकदमों में राजस्थान का स्थान पूरे देश में 12वें नंबर पर है. इसका सबसे बड़ा कारण नाबालिग बच्चियों की सुरक्षा के लिए राजस्थान में पुलिस विभाग की ओर से बनाया गया सुरक्षित वातावरण है. एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार पेंडेंसी, निस्तारण और दोष सिद्धि की दृष्टि से राजस्थान का स्थान काफी ऊपर है.