जयपुर. राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्यामला एस. सुंदर और राजुल देसाई शनिवार को राजस्थान के दौरे पर रही. इस दौरान आयोग की टीम ने डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव से मुलाकात कर प्रदेश में महिलाओं को पर हो रहे अत्याचार और हिंसा पर चर्चा की. इस दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा.
टीम ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए महिला अत्याचार के मामलों में राजस्थान के आंकड़े भी पेश किए. आयोग की सदस्यों का आरोप था कि राजस्थान में महिला अत्याचार लगातार बढ़ रहा है. नेशनल क्राइम ब्यूरो में राजस्थान नाबालिग बच्चों से दुष्कर्म के मामले में पहले पायदान पर पहुंच गया है, लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार को राज्य की आधी आबादी की चिंता कतई नहीं है.
2 साल बाद भी महिला आयोग की अध्यक्ष का नहीं हुआ चयन
उन्होंने कहा कि सरकार को बने हुए लगभग 2 साल होने जा रहे हैं, लेकिन महिलाओं के न्याय और उनकी बात सुनने के लिए बनाया गया राज्य महिला आयोग में अभी तक अध्यक्ष का चयन नहीं किया गया है. राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष नहीं होने की वजह से महिलाएं न्याय के लिए किस चौखट पर जाए यह समझ नहीं आता.
पढ़ें-स्पेशल: दलित उत्पीड़न मामले में देश में दूसरे नंबर पर पहुंचा राजस्थान, महिलाओं पर अत्याचार भी बढ़ा
महिलाओं के लिए कानून जरूर है, लेकिन महिलाओं को न्याय नहीं मिल रहा है. महिला थाने में मुकदमा दर्ज कराने जाती है तो उनके ऊपर समझौता करने का दबाव बनाया जाता है. राजस्थान में एक नहीं बल्कि पिछले 1 साल के आंकड़ों को देखे तो सैकड़ों मामले से पुलिस और सरकार की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे पर है.
प्रदेश भाजपा से राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने की मुलाकात
श्यामला ने कहा कि शनिवार को राज्य के बीजेपी से भी आयोग की टीम ने मुलाकात की है और उनसे राज्य की कानून व्यवस्था और महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचार की रिपोर्ट मांगी है. राज्य में छोटे-छोटे बच्चों को अगवा कर लिया जाता है और उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म हो रहे हैं, लेकिन पुलिस सही तरीके से काम नहीं कर रही है.