जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से लाई गई कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की लड़ाई में भाग लेने के लिए किसान महापंचायत की ओर से किसानों से आह्वान किया गया है. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा है कि किसानों की ओर से किया जा रहा आंदोलन आजादी की दूसरी लड़ाई है.
इसमें भागीदारी के लिए राजस्थान से किसानों का जंतर–मंतर पर कूच निरंतर चालू है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसी क्रम में 2 दिसंबर को शाहजहांपुर हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर किसान एकत्रित होकर दिल्ली कूच करेंगे. जाट ने कहा कि किसानों को उनकी उपजों के पूरे दाम के लिए किसान केंद्रित कृषि आधारित विकास का प्रारूप अपरिहार्य है और निवेश आधारित विकास के प्रारूप पर विराम आवश्यक है.
इसी दिशा में बढ़ने के लिए केंद्र सरकार को तीनों कानूनों को तत्काल वापस लेना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपजों के लाभकारी दाम दिलाने की दिशा में पहल करनी चाहिए. रामपाल जाट ने बताया कि किसान महापंचायत पिछले एक दशक से न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दामों में बिक्री को रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है. यह संघर्ष दूदू से शुरू होकर संपूर्ण देश में पहुंच गया और इसे ऋण मुक्ति के मंत्र के रूप में माना जा रहा है.