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किसान आंदोलन विरोधी शिकायतों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गहलोत सरकार से मांगी रिपोर्ट - Rajasthan News

किसान आंदोलन विरोधी शिकायतों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने गहलोत सरकार से रिपोर्ट मांगी है. NHRC ने राजस्थान के साथ दिल्ली, हरियाणा, यूपी, भारत संघ और अन्य प्राधिकरणों को भी नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी है.

National Human Rights Commission, Farmer movement
गहलोत सरकार

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Published : Sep 14, 2021, 2:12 PM IST

जयपुर.किसान आंदोलन विरोधी शिकायतों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने गहलोत सरकार से रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने कहा है कि किसान विरोध के संबंध में कई शिकायतें मिली हैं. इस पर राज्य सरकार इन शिकायतों की जांच कर 10 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट आयोग के समक्ष पेश करें. NHRC ने राजस्थान के साथ दिल्ली, हरियाणा, यूपी, भारत संघ और अन्य प्राधिकरणों को भी नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी है.

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि दिल्ली एनसीआर में किसानों का आंदोलन लम्बे समय से चल रहा है. इस आंदोलन की वजह से अलग-अलग वर्ग को परेशानी और नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिसको लेकर आयोग के समक्ष कई शिकायतें दर्ज हुई है. जिसमें 9000 से अधिक सूक्ष्म, मध्यम और बड़ी कंपनियों को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाली औद्योगिक इकाइयों पर प्रतिकूल प्रभाव के आरोप हैं.

कथित तौर पर परिवहन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे यात्रियों, रोगियों, शारीरिक रूप से विकलांग लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को सड़कों पर भारी भीड़ के कारण नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसी भी खबरें हैं कि किसानों के आंदोलन के कारण लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है और सीमाओं पर बैरिकेड्स लगा दिए जाते हैं. ऐसे में मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार, मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार, मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार, मुख्य सचिव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार, पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी किए हैं.

हरियाणा, राजस्थान और पुलिस आयुक्त, दिल्ली ने उनसे संबंधित अब तक क्या कार्रवाई की इसकी रिपोर्ट 10 अक्टूबर तक पेश की जाए. इसके साथ आयोग ने यह भी पूछा है कि किसान आंदोलन पर आरोप है कि धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया जा रहा है. मार्ग की नाकाबंदी के कारण निवासियों को अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जा रही है. आयोग ने कहा कि आंदोलन में मानवाधिकारों का मुद्दा शामिल है जबकि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने के अधिकार का भी सम्मान किया जाना चाहिए जो कि नहीं किया जा रहा है.

आयोग ने विभिन्न राज्यों को नोटिस जारी कर मांगी रिपोर्ट

आर्थिक विकास संस्थान से औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों/उत्पादन पर किसानों के आंदोलन के प्रतिकूल प्रभाव की जांच करने और असुविधा और अतिरिक्त व्यय आदि सहित वाणिज्यिक और सामान्य उपभोक्ताओं पर परिवहन सेवाओं के व्यवधान की जांच कर 10 अक्टूबर तक रिपोर्ट पेश करें.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार को विभिन्न पहलुओं पर किसानों के आंदोलन के प्रतिकूल प्रभाव और विरोध स्थलों पर COVID प्रोटोकॉल के पालन के संबंध में रिपोर्ट पेश करें.

धरना स्थल पर मानवाधिकार कार्यकर्ता के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले में डीएम झज्जर से मृतक के परिजनों को मुआवजे के भुगतान के संबंध में कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई थी. डीएम झज्जर मामले की 10 अक्टूबर तक रिपोर्ट दाखिल करें.

दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क, दिल्ली विश्वविद्यालय से अनुरोध है कि वे सर्वेक्षण करने के लिए टीमों को नियुक्त करें और किसानों द्वारा लंबे समय तक आंदोलन के कारण आजीविका, लोगों के जीवन, वृद्ध और कमजोर व्यक्तियों पर प्रभाव का आकलन करने के लिए रिपोर्ट पेश करें.

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