जयपुर.किसान आंदोलन विरोधी शिकायतों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने गहलोत सरकार से रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने कहा है कि किसान विरोध के संबंध में कई शिकायतें मिली हैं. इस पर राज्य सरकार इन शिकायतों की जांच कर 10 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट आयोग के समक्ष पेश करें. NHRC ने राजस्थान के साथ दिल्ली, हरियाणा, यूपी, भारत संघ और अन्य प्राधिकरणों को भी नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी है.
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि दिल्ली एनसीआर में किसानों का आंदोलन लम्बे समय से चल रहा है. इस आंदोलन की वजह से अलग-अलग वर्ग को परेशानी और नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिसको लेकर आयोग के समक्ष कई शिकायतें दर्ज हुई है. जिसमें 9000 से अधिक सूक्ष्म, मध्यम और बड़ी कंपनियों को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाली औद्योगिक इकाइयों पर प्रतिकूल प्रभाव के आरोप हैं.
कथित तौर पर परिवहन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे यात्रियों, रोगियों, शारीरिक रूप से विकलांग लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को सड़कों पर भारी भीड़ के कारण नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसी भी खबरें हैं कि किसानों के आंदोलन के कारण लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है और सीमाओं पर बैरिकेड्स लगा दिए जाते हैं. ऐसे में मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार, मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार, मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार, मुख्य सचिव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार, पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी किए हैं.
हरियाणा, राजस्थान और पुलिस आयुक्त, दिल्ली ने उनसे संबंधित अब तक क्या कार्रवाई की इसकी रिपोर्ट 10 अक्टूबर तक पेश की जाए. इसके साथ आयोग ने यह भी पूछा है कि किसान आंदोलन पर आरोप है कि धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया जा रहा है. मार्ग की नाकाबंदी के कारण निवासियों को अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जा रही है. आयोग ने कहा कि आंदोलन में मानवाधिकारों का मुद्दा शामिल है जबकि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने के अधिकार का भी सम्मान किया जाना चाहिए जो कि नहीं किया जा रहा है.