जयपुर.प्रदेश में बीते साल 2020 में कानून व्यवस्था की तस्वीरें कुछ हद तक कोरोना के चलते सामान्य रही, लेकिन हत्या और हत्या के प्रयास सहित अन्य मामले आंकड़ों से अलग नजर आए. भले ही राजस्थान पुलिस साल 2020 में हुए अपराधों के आंकड़ों की दुहाई देकर अपराध कम होने का दावा करती रहे, लेकिन डूंगरपुर में भीड़ की उन्मादी हिंसा जैसी घटनाओं से पूरा राजस्थान हिल गया. महिला अपराध के अलावा राज्य में हत्या, लूट और अन्य गंभीर प्रकृति के अपराध भी चर्चा में रहे.
राजस्थान पुलिस के डीजीपी एम.एल लाठर ने प्रेसवार्ता कर साल 2020 में हुए अपराधों का ब्योरा पेश किया है. पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते साल 2019 की तुलना में 14.21% अपराध की कमी हुई है. वहीं हत्या के प्रकरणों में 3.62% और हत्या के प्रयास में 8.24% व्रद्धि हुई है. जिन क्षेत्रों में हत्या और हत्या के प्रयासों में व्रद्धि हुई है, वहां के SP और IG को इसके कारणों की समीक्षा करने के निर्देश दिए है, लेकिन कोविड के कारण उतपन्न आर्थिक-सामाजिक परिस्थितियों के कारणों को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता. हालांकि ऐसे अपराधों में आंशिक व्रद्धि है, ये हर्ष की बात है कि ऐसे जघन्य अपराधियो में चालानी प्रतिशत 97-99% रहा है.
डीजीपी ने बताया कि महिला अत्याचारों में साल 2020 में साल 2019 की तुलना में 16% की कमी आई है, लेकिन दहेज मृत्यु के प्रकरणों में 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, प्रभावी मॉनिटरिंग के फलस्वरूप बलात्कार के प्रकरणों का औसत समय 274 से घटकर 126 दिन है, जिसे और कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं.