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जयपुर: नए वित्तीय वर्ष से नगर निगम लागू करेगा नए टैक्स, सालाना 10 करोड़ राजस्व मिलने की उम्मीद

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Published : Mar 21, 2021, 10:01 PM IST

जयपुर में नगर निगम प्रशासन अब निजी कोचिंग संस्थानों, पीजी हॉस्टल, निजी चिकित्सालय, ट्रेड लाइसेंस और तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लाइसेंस का नियमन और नियंत्रण करेगा. नए वित्तीय वर्ष में निगम नए टैक्स लाने जा रहा है. इस संबंध में गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है. इससे ना सिर्फ संस्थानों के कार्य संचालन में एकरूपता रहेगी, बल्कि नगरीय निकायों के वित्तीय स्रोतों में भी वृद्धि होगी.

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जयपुर में नगर निगम लागू करेगा नए टैक्स

जयपुर.कोरोना से बिगड़ी अर्थव्यवस्था अभी पटरी पर भी नहीं लौटी. इस बीच व्यापारी और आमजन से निगम नए टैक्स के नाम पर वसूली करने की तैयारी कर रहा है. आर्थिक तंगी से जूझ रहा जयपुर नगर निगम प्रशासन अब अपने रेवेन्यू सोर्स बढ़ाने में जुटा हुआ है. पहले राजस्व अधिकारियों पर निर्भर ना रहते हुए दोनों निगमों में नगरीय विकास कर और होर्डिंग टैक्स की वसूली का काम प्राइवेट फर्म से कराना शुरू किया गया गया. वहीं, अब 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों पर स्वयं के राजस्व के स्रोत बढ़ाने के लिए पीजी हॉस्टल, कोचिंग सेंटर, निजी अस्पताल, तंबाकू उत्पाद बेचने वाले और ट्रेड लाइसेंस पर टैक्स वसूल किया जाएगा.

जयपुर में नगर निगम लागू करेगा नए टैक्स

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इस संबंध में राज्य सरकार की और गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. हालांकि इसे नए वित्तीय वर्ष में लागू किया जाएगा. राजस्व शाखा के अधिकारियों की मानें तो इन नियमों के लागू होने से निगम को सालाना 10 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा. गजट नोटिफिकेशन के अनुसार कोचिंग सेंटर में छात्रों की संख्या, हॉस्टल में बिस्तर की बुकिंग, तंबाकू उत्पादों के नियंत्रण और नियमन को लेकर अनुज्ञप्ति शुल्क नियम बनाया गया है.

जयपुर में लागू होगा नया टैक्स

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इससे पहले ग्रेटर नगर निगम महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने कहा था कि राज्य बजट के दौरान सरकार को कुछ पॉइंट्स लिख कर भेजे गए थे. ग्रेटर नगर निगम की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. लेकिन सरकार का किसी तरह का सहयोग नहीं रहा. ऐसे में निगम के रेवेन्यू बढ़ाने के संसाधन पर काम कर रहे हैं और निरंतर प्रयास कर रहे हैं कि निगम आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और सक्षम बने, जिससे जयपुर की जनता का विकास कर सके.


तंबाकू उत्पाद शुल्क नियम 2020
पंजीयन शुल्क(3 वर्ष) वार्षिक शुल्क
अस्थाई दुकानें 100 रुपये 1000 रुपये
फुटपाथ गुमटी खोखा 200 रुपये 12000 रुपये
फुटकर स्थाई दुकानें 500 रुपये 1500 रुपये
थोक विक्रेता 1000 रुपये 25000 रुपये

निजी कोचिंग और वाचनालय नियम 2020
क्षमता पंजीयन शुल्क उपयोग शुल्क
100 विद्यार्थियों से कम 20000 रुपये 10000 रुपये
101 से 500 विद्यार्थियों तक 70000 रुपये 50000 रुपये
501 से 1000 विद्यार्थी तक 200000 रुपये 150000 रुपये
1001 से अधिक विद्यार्थी पर 300000 रुपये 250000रुपये

हॉस्टल, पीजी पंजीयन नियम 2020
पंजीयन शुल्क(5 वर्ष) वार्षिक शुल्क
5 से 20 बिस्तर 10000 रुपये 5000 रुपये
21 से 50 बिस्तर 20000 रुपये 10000 रुपये
50 से ज्यादा बिस्तर 30000 रुपये 20000 रुपये

निजी चिकित्सालय, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर, क्लीनिक, पैथ लैब नियम 2020
पंजीयन शुल्क
300 वर्ग मीटर से बड़े भूखंड पर निर्माण 20000 रुपये
300 वर्ग मीटर से कम भूखंड पर निर्माण 10000 रुपये
अनुमति शुल्क
डायग्नोस्टिक सेंटर और पैथ लैब 10000 रुपये
चिकित्सालय क्लीनिक नर्सिंग होम-
500 मीटर तक 5000 रुपये
501 से 1000 वर्ग मीटर तक 25000 रुपये
1001 से 2500 वर्ग मीटर तक 35000 रुपये
2501 वर्ग मीटर से अधिक पर 50000 रुपये

वहीं, ऐसे चिकित्सालय, जिनमें मेडिकल कॉलेज का संचालन किया जा रहा है, उनको 10000 रुपये प्रति वर्ष अतिरिक्त देने होंगे. पंजीयन शुल्क एक बारी देय होगा जब की अनुमति शुल्क प्रति वर्ष देना होगा. इसके अलावा ट्रेड लाइसेंस नियम 2020 को लेकर भी गजट नोटिफिकेशन में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं. जिसके तहत दुकान से लेकर फुटपाथ पर सामान बेचने वाला भी इस जद में आएगा. इनमें 200 तरह के व्यापारियों को शामिल किया गया है. जिन पर 1000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक का वार्षिक शुल्क निर्धारित किया है. इन नए टैक्स को लागू करने के बाद निगम का रेवेन्यू भी जनरेट होगा और खाली पड़ी तिजोरी फिर से भरेगी.

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