जयपुर. 20 जिलों के 90 निकायों के निकाय प्रमुखों के चुनाव परिणाम आने के बाद अब राजनीतिक दलों ने क्षेत्र के दिग्गज नेताओं के सियासी परफॉर्मेंस को भी काउंट करना शुरू कर दिया है. नगर निकायों में बोर्ड के परिणाण अब यह तय कर रहे हैं कि बीजेपी के किन दिग्गजों का कद घटना है या फिर बढ़ना है.
भाजपा के दिग्गज नेताओं के लिए कैसा रहा निकाय चुनाव बोर्ड परिणाम : एक नजर बीजेपी की बात करें तो इन चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के लिए ये परिणाम सुखद रहे. तो वहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित प्रदेश से जुड़े कई पदाधिकारियों के लिए निराशाजनक रहे. चुनाव परिणाम के आधार पर भाजपा के नेताओं की सियासी परफॉर्मेंस पर आइये एक नजर डालते हैं.
भाजपा के दिग्गजों की साख का अंक गणित 27 भाजपा विधायकों में से 15 ही बचा पाए अपना गढ़
जिन 20 जिलों के 90 निकायों में यह चुनाव हुए थे उनमें से 28 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक थे. हालांकि किरण माहेश्वरी के निधन के बाद यह संख्या 27 रह गई थी. अब निकाय प्रमुख के चुनाव परिणाम देखें तो 27 विधायकों में से भाजपा के 15 विधायक ही ऐसी रहे जो अपने विधानसभा क्षेत्र में संबंधित निकाय में बीजेपी का कमल खिलाने में सफल रहे. जबकि 12 विधायक अपने क्षेत्रों में आने वाले निकायों में भाजपा को जीत नहीं दिलवा पाए.
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अपने क्षेत्र में भाजपा को निकाय जिताने वाले विधायक
- संगरिया से विधायक गुरदीप सिंह
- चूरू से विधायक और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़
- मालपुरा से विधायक कन्हैया लाल चौधरी
- अजमेर उत्तर से वासुदेव देवनानी
- अजमेर दक्षिण से अनीता बधेल
- जैतारण से अविनाश गहलोत
- सोजत से शोभा चौहान
- बाली से पुष्पेंद्र सिंह राणावत
- सुमेरपुर से जोराराम कुमावत
- मावली से धर्म नारायण जोशी
- कपासन से अर्जुन जीनगर
- भीलवाड़ा से विट्ठल शंकर अवस्थी
- शाहपुरा से कैलाश मेघवाल
- जहाजपुर से गोपीचंद मीणा
- मांडलगढ़ से गोपाल खंडेलवाल
- झालरापाटन से पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे
वसुंधरा राजे इम्तिहान में पास
आसींद से भाजपा विधायक जबर सिंह सांखला की परफारमेंस 50-50 रही. इनके विधानसभा क्षेत्र में दो निकाय आते थे जिनमें से एक पर बीजेपी का कब्जा हो पाया है.
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इन भाजपा विधायकों के क्षेत्र में मिली हार
मौजूदा निकाय प्रमुख चुनाव परिणाम बताते हैं कि भाजपा के 12 विधायक अपने ही विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी का कमल खिलाने में असफल रहे.
- पीलीबंगा से धर्मेंद्र मोची
- नोखा से बिहारीलाल बिश्नोई
- रतनगढ़ से अभिनेश महर्षी
- सूरजगढ़ से सुभाष पूनिया
- नागौर से मोहन राम चौधरी
- सलूंबर से अमृत लाल मीणा
- बड़ी सादड़ी से ललित ओस्तवाल
- केशवरायपाटन से चंद्रकांता मेघवाल
- डग से कालू लाल मेघवाल
- बूंदी से अशोक डोगरा
बता दें कि लोकसभा सांसद ओम बिरला तक के क्षेत्र में बीजेपी का कमल मुरझा गया. अर्जुन मेघवाल और गुलाबचंद कटारिया की परफॉर्मेंस भी कहीं कमजोर रही है.
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ओम बिरला के क्षेत्र में एक नगर परिषद पांच नगर निकाय में बुरी हार
बात की जाए बीजेपी के दिग्गज राजनेताओं की तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने क्षेत्र झालावाड़ और झालरापाटन में भाजपा का कमल खिला दिया. लेकिन अन्य दिग्गजों में कोटा बूंदी से सांसद और लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला के संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली एक नगर परिषद और पांच नगर निकायों में बीजेपी की बुरी तरह हार हुई. यहां एक भी निकाय बीजेपी नहीं जीत पाई.
चंद्रकांता मेघवाल के क्षेत्र में पांच निकाय हारी भाजपा
भाजपा विधायक और प्रदेश में उपाध्यक्ष चंद्रकांता मेघवाल भी केशोरायपाटन से विधायक है. यहां आने वाली पांच नगर पालिका में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा. मतलब चंद्रकांता मेघवाल का रिपोर्ट कार्ड भी शून्य ही रहा.
तीन निकायों में से एक ही जिता पाए गुलाबचंद कटारिया तीन निकायों में से एक ही जिता पाए
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया उदयपुर से आते हैं. उदयपुर जिले में 3 निकायों में चुनाव था. जिनमें से एकमात्र फतहनगर में ही बीजेपी का कमल खिल पाया. जबकि पूर्व में हुए चुनाव में तीन में से दो निकायों पर भाजपा का कब्जा था.
तीन निकाय में से एक ही जिता पाए अर्जुन राम मेघवाल तीन निकाय में से एक ही जिता पाए
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बीकानेर से आते हैं. लेकिन यहां बीजेपी का परफॉर्मेंस बहुत ज्यादा अच्छा नहीं माना जा सकता. मेघवाल के संसदीय क्षेत्र में 3 निकाय आते हैं जिनमें से एक मात्र श्रीडूंगरगढ़ में ही बीजेपी को जीत मिल सकी. जबकि पिछले चुनाव में 3 में से 2 निकायों में भाजपा का कब्जा था.
दो में से एक निकाय जिता पाई दीया कुमारी दो में से एक निकाय जिता पाई
राजसमंद संसदीय क्षेत्र में एक नगर परिषद सहित दो निकायों में चुनाव था. जिसमें से बीजेपी केवल नगर पालिका देवगढ़ में ही जीत पाई. जबकि राजसमंद नगर परिषद बीजेपी के हाथ से फिसल गई. राजसमंद से ही बीजेपी सांसद और प्रदेश भाजपा में महामंत्री दीया कुमारी आती हैं. मतलब इन चुनावों में दीया कुमारी की परफॉर्मेंस भी ज्यादा अच्छी नहीं मानी जा सकती.
सीपी जोशी तीन में से सिर्फ एक निकाय जिता पाए
चित्तौड़गढ़ से भाजपा सांसद और प्रदेश में पदाधिकारी सीपी जोशी के संसदीय क्षेत्र चित्तौड़गढ़ में तीन निकाय आते हैं. जिनमें से महज एक कपासन नगर पालिका पर ही बीजेपी को जीत मिल पाई. जबकि 2 निकायों में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा. यह स्थिति तो तब है जब पिछले चुनाव में चित्तौड़गढ़ में आने वाली इन तीन नगर निकायों में सभी पर भाजपा का कब्जा था. मतलब सांसद सीपी जोशी की परफॉर्मेंस भी खराब ही रही.
कैलाश चौधरी ने बचाया अपना गढ़ कैलाश चौधरी ने बचाया अपना गढ़
जैसलमेर बाड़मेर से भाजपा सांसद और केंद्र में कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी जैसलमेर से आते हैं. जैसलमेर जिले के पोकरण निकाय में भी चुनाव हुआ. जिसमें बीजेपी को जीत मिली खास बात यह है कि पोकरण निकाय में पहले कांग्रेस का कब्जा था. लेकिन अब बीजेपी का कमल खिला है. मतलब कैलाश चौधरी की परफॉर्मेंस ठीक रही.