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अधिकारियों की संवेदनहीनता के कारण कर्मवीरों के स्वाभिमान को पहुंची ठेसः बीजेपी नेता

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Published : May 20, 2020, 9:37 AM IST

भाजपा के प्रदेश मंत्री और विप्र फाउंडेशन से जुड़े मुकेश दाधीच ने प्रदेश सरकार के खाद्य नागरिक आपूर्ति के हाल ही में जारी किए गए एक आदेश पर आपत्ति जताई है. दरअसल, आदेश में विशेष श्रेणी के परिवारों की सहायता को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन इसमें धोबी, मोची घरेलू नौकर और कर्मकांड करने वाले पुजारी के साथ ही भिखारियों को भी जोड़ दिया गया.

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कर्मवीरों के स्वाभिमान को पहुंची ठेस- मुकेश दाधीच

जयपुर. प्रदेश सरकार के खाद्य नागरिक आपूर्ति के हाल ही में जारी किए गए एक आदेश पर भाजपा को आपत्ति है. आदेश में विशेष श्रेणी के परिवारों की सहायता को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन इसमें धोबी, मोची घरेलू नौकर और कर्मकांड करने वाले पुजारी के साथ ही भिखारियों को भी जोड़ दिया गया. अब भाजपा के प्रदेश मंत्री और विप्र फाउंडेशन से जुड़े मुकेश दाधीच ने इस पर आपत्ति जताई है.

बता दें, कि मुकेश दाधीच ने एक बयान जारी कर कहा, कि मंदिर में पुजारी कपड़े धोने वाला धोबी जूते सिलने वाला मोची और घरेलू नौकर अपने आप में कर्मवीर है जो अपने कर्म के बलबूते कमाते हैं और परिवार का पेट पालते हैं, लेकिन उन्हें सहायता पहुंचाने के लिए जो आदेश जारी हुआ उसमें भिखारियों का भी जिक्र है जो कहीं ना कहीं इन कर्मवीरओं को आहत करता है.

दाधीच के अनुसार सरकार में बैठे अधिकारियों की संवेदनहीनता के कारण इन सब के साथ एक विशेष श्रेणी में भिखारी को भी जोड़ा गया, इस श्रेणी को अपमानित करने का प्रयास किया गया. सरकार इनकी मदद ही करना चाहती थी तो सभी जगह बीएलओ जरूरतमंदों की सूची बना रहे थे, वहीं इन्हें भी जोड़ दिया जाता.

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दाधीच ने प्रदेश के सभी भामाशाह से अपील की है, कि वे जिस तरह पिछले 50 दिनों से गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं आगे भी जारी रखें, ताकि इन कर्मवीर के स्वाभिमान को ठेस ना पहुंचे. गौरतलब है, कि खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से जो आदेश निकले गए हैं, उनमें विशेष श्रेणियों में मजदूरी करने वाले, नाई, धोबी, मोची, घरेलू नौकर, रिक्शा चालक, मंदिर के पुजारी, धोबी, बैंड वाले, टैक्सी चालक, बाहर से आए नरेगा श्रमिक, ठेले वाले, रेहडी वाले, पान की दुकान, रेस्टोरेंट में कार्यरत वेटर, रद्दी बीनने वाले, निर्माण मजदूर और कोरोना के कारण बंद हुए उद्योगों में लगे मजदूर सहित करीब 20 श्रेणियों को चिन्हित करने और उन्हें राहत पहुंचाने के निर्देश दिए गए थे.

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