जयपुर. प्रदेश के एमएसएमई सेक्टर की बात की जाए तो पिछले कुछ समय से एमएसएमई की ग्रोथ बेहतर हुई है. उद्योग विभाग की माने तो प्रदेश में अब तक करीब 80 हजार करोड़ रुपये तक का निवेश हुआ है और बीते वित्त वर्ष में करीब 10 हजार करोड़ इन्वेस्टमेंट भी किया गया है. प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर आज 38 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है. राजस्थान में फिलहाल आठ लाख पंजीकृत एमएसएमई इकाइयां कार्य कर रही हैं. वहीं असंगठित क्षेत्र को भी इसमें शामिल किया जाए तो इसकी संख्या करीब 20 लाख से अधिक हैं.
अर्थव्यवस्था में एमएसएमई सेक्टर का योगदान करीब 37 प्रतिशत राजस्थान में क्राफ्ट और परंपरागत उत्पादों को एमएसएमई के चलते ही एक नई पहचान मिल पाई है राज्य सरकार भी एमएसएमई की ग्रोथ को लेकर बनाए गए कानून और नीतियों में आवश्यक संशोधन की तैयारी कर रही है ताकि कारोबारी अधिक से अधिक निवेश राजस्थान में कर सकें.
उद्योग लगाना हुआ आसान
राजस्थान में अब नया उद्योग शुरू करना आसान हुआ है. आगामी 3 साल तक के लिए उद्योग लगाने के लिए सरकार की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है. उद्योग विभाग ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि अधिक से अधिक निवेश राजस्थान में हो सके और एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा मिल सके. जिससे रोजगार के अवसर उत्पन्न हो. इसके तहत बिना अनुमति उद्योग संचालन की अनुमति देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बना है. यहां स्थापित एमएसएमई पोर्टल के जरिए कोई भी नया स्टार्टअप और इंडस्ट्री बिना पूर्व अनुमति के शुरू की जा सकेगी. इसके अलावा सरकार की ओर से जो कर तय किए गए हैं, उसे भी रियायत का प्रावधान किया जा रहा है.
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एमएसएमई सेक्टर को लेकर विशेष छूट
प्रदेश के उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहना है कि एमएसएमई सेक्टर को लेकर सरकार विशेष काम कर रही है. इसके तहत प्रदेश में नया उद्योग शुरू करने वाले कारोबारियों को सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाएगी. मंत्री परसादी लाल मीणा ने यह भी कहा कि यदि प्रदेश में कोई कारोबारी 25 लाख तक का स्टार्टअप शुरू करता है, तो उसे 8 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी. 5 करोड़ के इंडस्ट्री स्थापित करने पर 6 प्रतिशत की सब्सिडी और 10 करोड़ तक इंडस्ट्री शुरू करने पर 5 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी.