जयपुर.नवीन राष्ट्रीय जैविक खाद कार्यक्रम के तहत संस्थापित लघु बायोगैस संयंत्रों (1 से 25 घन मी. प्रतिदिन) की राजस्थान में कुल संख्या 72 हजार 446 है. बायोगैस विद्युत उत्पादन (ओंफग्रिड) और तापीय ऊर्जा अनुप्रयोग कार्यक्रम के तहत संस्थापित मध्यम आकार के बायोगैस संयंत्रों (30 से 2500 घन मी. प्रतिदिन से अधिक) की कुल संख्या राजस्थान में एक है. शहरी, औद्योगिक, कृषि अपशिष्ट/अवशिष्ट और नगरपालिका ठोस अपशिष्ट से ऊर्जा संबंधी कार्यक्रम के तहत संस्थापित बड़े आकार के बायोगैस संयंत्रों (2500 घन मी. प्रतिदिन से अधिक) की कुल संख्या राजस्थान में दो है. जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा तथा विद्युत राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह ने ये जानकारी दी.
नई राष्ट्रीय बोयोगैस जैविक खाद कार्यक्रम (एनएनबीओएमपी) के उक्त उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए किसानों/डेयरी किसानों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन/सब्सिडी का ब्यौरा क्या है. किस तंत्र के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. क्या बायोगैस संयंत्रों का कार्य पूरा होने और चालू होने के बाद लाभार्थियों की पहचान करके उन्हें राजसहायता प्रदान की जाती है. यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और राजसहायता के वितरण को सुव्यवस्थित करने के संबंधी राष्ट्रीय और राज्य-वार प्रस्तावों का ब्यौरा क्या है. जैव गैस संयंत्र स्थापित करने के लिए उन्हें प्रारम्भिक अग्रिम लागत आंशिक रूप से मिल सके और शेष भुगतान कार्य पूरा होने के बाद वितरित किया जा सके.
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