जयपुर.राजस्थान में राज्यसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. कांग्रेस सांसद के तौर पर नीरज डांगी राजस्थान का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व करते हुए नजर आएंगे. डांगी राज्यसभा सांसद बनने के बाद बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने देश के आर्थिक हालात, कोरोना संक्रमण, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत, भाजपा के कांग्रेस की बाड़ेबंदी में मौजूद विधायकों को प्रलोभन देने का मामले, राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने और स्वयं तीन बार चुनाव हारने के बाद भी संघर्ष करने जैसे सवाल पर साफगोई से जवाब दिए.
राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए...(भाग-1) राज्यसभा में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए क्या कुछ चुनौतियां मानते हो?
इस सवाल के जवाब पर नीरज डांगी ने कहा कि यह स्वाभाविक सी बात है कि केंद्र में जहां भाजपा की सरकार है और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार. ऐसे में उन्हें बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है. प्रदेश के आर्थिक हालात गंभीर हैं और वैसे भी राजस्थान आर्थिक तौर पर हमेशा कमजोर रहा है. ऐसे में केंद्र को चाहिए कि राज्य को ज्यादा से ज्यादा आर्थिक पैकेज के जरिए मदद पहुंचाए.
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उन्होंने माना कि सदन में नंबर गेम कांग्रेस कमजोर है, लेकिन अपनी बात वह पुरजोर तरीके से राजस्थान के विकास के लिए और राजस्थान के लोगों के लिए उठाने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि उनके साथ जो दो सहयोगी हैं, उनमें एक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और दूसरे कांग्रेस के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल हैं, जिनका सहयोग उन्हें पूरा मिलेगा. राज्यसभा में राजस्थान की आवाज बुलंद करने का काम किया जाएगा.
भाजपा अब कांग्रेस पार्टी पर यह आरोप लगा रही है कि उनके 23 विधायकों को प्रलोभन दिया गया?
खरीद-फरोख्त के आरोपों को लेकर राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने कहा कि भाजपा ने हमेशा ही खरीद-फरोख्त की ओर निगेटिव राजनीति की है. तोड़फोड़ करने का जो काम उन्होंने पूरे देश में किया, उसी तरीके से राजस्थान में भी भाजपा की ओर से तोड़फोड़ करने की कोशिश गई थी. यही कारण है कि भाजपा ने चौथा उम्मीदवार उतारा.
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उन्होंने कहा कि जब भाजपा के पास केवल 72 विधायक हैं, जबकि बहुमत का आंकड़ा दो राज्यसभा सांसदों के लिए 102 विधायकों का होता है. ऐसे में बाकी विधायक वह कहां से लाते. लेकिन जब भाजपा तोड़फोड़ में नाकाम रही और और भाजपा को मुंह की खानी पड़ी तो ऐसे में अपनी इज्जत बचाए रखने के लिए इस तरीके के आरोप-प्रत्यारोप भाजपा की ओर से लगाए जा रहे हैं.
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने और देश के आर्थिक हालातों को लेकर डांगी का जवाब?
नीरज डांगी ने कहा कि देश के आर्थिक हालात तो कोरोना वायरस के संक्रमण से पहले से ही खराब थे. चाहे नोटबंदी हो या जीएसटी, केंद्र सरकार के निर्णय से पहले ही देश में आर्थिक मंदी आ चुकी थी. लेकिन कोरोना संक्रमण के बहाने केंद्र सरकार एक बहाना लेना चाहती है. जबकि होना यह चाहिए था कि केंद्र की सरकार को राज्य सरकारों को इस विपत्ति के समय राहत देनी चाहिए थी. लेकिन किया केंद्र सरकार ने इसके उलट. जब पहले से आर्थिक हालातों से जूझ रहे देशवासियों को उन्होंने डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ाकर बड़ा झटका दिया. वह भी तब, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी कीमतें नीचे आ चुकी हैं. ऐसे में अब प्रधानमंत्री को पेट्रोलियम प्रोडक्ट के दाम कम करने चाहिए ताकि जनता को इसका लाभ मिल सके.
राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने को लेकर डांगी ने कहा?
राहुल गांघी को अध्यक्ष बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि राहुल गांधी एक बेहतरीन नेता हैं, जिनका इतना बड़ा कद है कि वह देश नहीं पूरे विश्व में एक नेता के तौर पर स्थापित हो चुके हैं. लेकिन उसके साथ ही वह सरल व्यक्तित्व के धनी भी हैं. कांग्रेस पार्टी और हिंदुस्तान के युवाओं ने उनको अपना नेता माना है. अध्यक्ष के तौर पर उनका बेहतरीन कार्यकाल रहा. हालांकि चुनाव के नतीजे क्या रहे, यह एक अलग बात है. लेकिन कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे को मजबूती से खड़ा करने का काम राहुल गांधी ने किया. अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी यह बात रखी है कि उन्हें राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर सौंप देनी चाहिए, जिसका समर्थन हर कोई करता है.
तीन बार चुनाव हारना और फिर राज्यसभा का टिकट मिलना?
राज्यसभा सांसद बने नीरज डांगी कभी यूथ कांग्रेस के नेता हुआ करते थे. यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने इसके बाद उन्हें दो बार विधानसभा का टिकट मिला. लेकिन हार का सामना करना पड़ा. दो बार हारने के चलते तीसरी बार उनका टिकट कटा और इस बार भी वह तीसरी बार विधानसभा का चुनाव हार गए. लेकिन उन्हें पार्टी ने राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया और अब वह राज्यसभा के सांसद हैं.
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डांगी ने कहा कि नकारात्मक समय हर किसी व्यक्ति के लिए किसी भी फील्ड में आ सकता है. हर व्यक्ति को ऐसे समय का सामना करना पड़ता है और सामना करने से ही उसे मजबूती मिलती है. साथ ही चीजें भी सीखने को मिलती हैं. यह सिख ही व्यक्ति हो या नेता उसमें परिपक्वता लाती है, जिसका लाभ उसे हमेशा मिलता है. लेकिन जरूरी यह है कि वह अपने फील्ड में लगातार सक्रिय रहे. डांगी ने युवा कांग्रेस में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में शुरूआत की और आज उन्हें देश की सबसे बड़ी पंचायत में बैठने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि यह मौका उन्हें इसी आधार पर कांग्रेस पार्टी ने दिया है कि मैं संगठन में लगातार सक्रिय रहा. उतार-चढ़ाव राजनीतिक जीवन में आए, लेकिन इन उतार-चढ़ाव के बाद भी मैंने कभी अपने आप को कमजोर नहीं समझा. हर परिस्थिति का सामना किया और संघर्ष का ही नतीजा था कि पार्टी ने मुझ पर विश्वास किया.