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अब निजी हाथों में होगा जयपुर एयरपोर्ट का संचालन, 50 साल के लिए लीज पर देने की मंजूरी

जयपुर एयरपोर्ट को अब निजी हाथों में सौंपने की पूरी तैयारी हो गई है, और इसके लिए बुधवार को एमओयू भी साइन कर दिया गया है. इससे पहले अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरू एयरपोर्ट का फरवरी माह में एमओयू हुआ था. जिसके बाद बुधवार को जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवंतपुरम एयरपोर्ट के निजीकरण को भी मंजूरी मिल गई है.

Indian Airport Privatization, जयपुर सांगानेर एयरपोर्ट
50 साल के लिए लीज पर जयपुर एयरपोर्ट

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Published : Aug 19, 2020, 7:24 PM IST

जयपुर.प्रदेश के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का संचालन अब निजी हाथों में होगा और जिसके लिए एमओयू बुधवार को साइन हो गया. कुछ दिन पहले देश के 6 एयरपोर्ट को निजीकरण के लिए अनुमति दी गई थी. जिसमें से 3 एयरपोर्ट का पहले ही एमओयू हो चुका है. जिसमें अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरू एयरपोर्ट शामिल थे. इनके निजीकरण की मंजूरी अडानी ग्रुप को मिल चुकी थी.

50 साल के लिए लीज पर जयपुर एयरपोर्ट

जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवंतपुरम एयरपोर्ट को अभी तक निजी हाथों में नहीं सौंपा गया था, तो अब इन 3 एयरपोर्ट को भी निजी हाथों में सौंपने के लिए एमओयू साइन हो गया है. इन सभी एयरपोर्ट को ऑपरेट करने के लिए पिछले साल फरवरी 2019 में अडानी ग्रुप की ओर से बोली लगाई गई थी.

बता दें इससे पहले अमदाबाद, मंगलुरू और लखनऊ एयरपोर्ट के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और अडानी इंटरप्राइजेज के बीच इस साल फरवरी में एग्रीमेंट हो चुका था, तो वहीं अब सरकार की ओर से एक बार फिर इन 3 एयरपोर्ट के लिए एमओयू हो चुका है, और जल्द इनका भी एग्रीमेंट हो जाएगा.

इन सभी एयरपोर्ट को 50 साल के लिए अडानी ग्रुप को सौंपा जाएगा, हालांकि एयरपोर्ट की कुछ हिस्सेदारी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से संभाली जाएगी. बता दें कि मार्च में ही जयपुर एयरपोर्ट की निजीकरण की बात सामने आ रही थी. लेकिन लॉकडाउन के कारण यह टल गया था. लेकिन अब निजी करण को मंजूरी मिल चुकी है और जयपुर गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट का संचालन अडानी ग्रुप की ओर से किया जाएगा.

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पहले भी राज्य सरकार ने जताई थी आपत्ति

जयपुर एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने को लेकर राज्य सरकार की ओर से आपत्ति जताई गई थी, क्योंकि जयपुर एयरपोर्ट की जमीन राज्य सरकार की ओर से अलॉट की गई थी. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार की बिना अनुमति के ही एमओयू कर दिया गया है. हालांकि अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या राज्य और केंद्र सरकार के बीच समन्वय बन सकेगा और जयपुर एयरपोर्ट का संचालन निजी हाथों से हो सकेगा.

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