जयपुर. जिले के मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (Motor Accident Claims Tribunal) ने दुर्घटना में कृषि भारतीय को-ऑपरेटिव लि. के प्रबंधक की मौत के मामले में चोलामंडलम बीमा कंपनी को आदेश दिए हैं कि वह वारिसों को एक करोड़ 47 लाख 85 हजार रुपए का मुआवजा अदा करे. अधिकरण ने कहा कि बीमा कंपनी मुआवजा राशि पर याचिका पेश करने की तिथि से छह फीसदी ब्याज भी अदा करे.
वहीं अधिकरण ने माना कि दुर्घटना में शामिल वाहन बीमा शर्तों के विपरीत बिना परमिट के चल रहा था. ऐसे में बीमा कंपनी पे एंड रिकवर के आधार पर मुआवजा अदा करने के बाद वाहन चालक और वाहन मालिक से यह राशि वसूलने की अधिकारी होगी और इसके लिए उसे अलग से दावा करने की जरूरत नहीं है. अदालत ने यह आदेश आशा कंवर और अन्य की क्लेम याचिका पर दिए.
पढ़ें.Rajasthan High Court: पति ने निकाला, लिव-इन पार्टनर ने स्वीकारा, परिवार ने धमकाया तो पहुंची हाईकोर्ट
अधिकरण ने अपने आदेश में माना की यदि बीमाधारी ने बीमा शर्तों की अवहेलना की है तो इंश्योरेंस कंपनी क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी नहीं है, लेकिन वाहन कंपनी से यह बीमित था इसलिए कंपनी क्षतिपूर्ति भुगतान के लिए उत्तरदायी होगी और वाहन चालक और वाहन मालिक से भुगतान की रिकवरी करने की अधिकारी होगी.
पढ़ें.Rajasthan High Court : सेवानिवृत शिक्षक से रिकवरी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, पेंशन खाते से हो रही थी कटौती
क्लेम याचिका में अधिवक्ता नरेन्द्र नाथ तिवाड़ी ने अदालत को बताया कि विपिन कुमार सिंह भाटी कृभकों में प्रबंधक पद पर कार्यरत थे. घटना के दिन 26 जुलाई 2016 को वह अपनी कार से सहकारी समितियों का दौरा कर सवाई माधोपुर से लालसोट की तरफ जा रहे थे. इस दौरान जस्टाना गांव के पास मेगा हाईवे पर ट्रक ने कार को टक्कर मार दी.
हादसे में उसकी मौत हो गई. याचिका में कहा गया कि मृतक एक लाख 21 हजार रुपए मासिक अर्जित कर रहा था. ऐसे में उसके आश्रितों को मुआवजा दिलाया जाए. मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पे एंड रिकवर के आधार पर बीमा कंपनी को मुआवजा अदा करने का आदेश दिया है.