जयपुर.प्रदेश में कोरोना का कहर कम हो रहा है और ट्रांसपोर्टेशन दोबारा से पटरी पर आने भी लगा है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सबसे बड़ा असर एविएशन सेक्टर पर देखने को मिला था.
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हवाई सेवाओं को सरकार की ओर से पूर्ण रुप से बंद कर दिया गया था. जिसके चलते आमजन को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ा था, लेकिन जयपुर एयरपोर्ट की बात की जाए तो जयपुर एयरपोर्ट पर कार्गो विमान और एयर एंबुलेंस को सरकार की ओर से छूट भी दी गई थी. जिसके बाद कोरोना काल में 100 से अधिक एयर एंबुलेंस का आवागमन भी हुआ.
जानकारी के अनुसार कोविड-19 में एयर एंबुलेंस की आवाजाही ने जयपुर एयरपोर्ट पर इतिहास रच दिया है. इसमें सबसे रोचक बात यह है, कि राज्य से बाहर दूसरे बड़े शहरों में यह ज्यादातर गंभीर मरीजों को लेने की बजाय जयपुर छोड़ने एयर एंबुलेंस पहुंची है. 95 प्रतिशत ऐसी एयर एंबुलेंस जयपुर आई है जिनमे कोरोना से संक्रमित मरीजो को लाया गया था.
हर साल जयपुर एयरपोर्ट से महज 10 से 15 एयर एंबुलेंस का ही संचालन होता था, लेकिन कोरोना के दौर में इलाज के लिए बेड के साथ ही ऑक्सीजन की भारी किल्लत भी रही. सिफारिशों के बाद भी अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही थी. मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद समेत कई बड़े शहरों में स्थितियां काफी गंभीर हो गई थी. इसके बावजूद बड़े शहरों में रह रहे लोग मरीजों को उपचार के लिए जयपुर लेकर आ रहे थे.
एयरपोर्ट प्रशासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो जयपुर एयरपोर्ट पर इतिहास में पहली बार ऐसा रहा कि जब 1 साल में 100 से अधिक एंबुलेंस का आवागमन जयपुर एयरपोर्ट पर हुआ है. इन 100 एयर एंबुलेंस में से 80 एयर एंबुलेंस से मरीजों को उपचार के लिए यहां लाया गया था. जबकि 20 एयर एंबुलेंस से मरीजों को यहां से बाहर भी भेजा गया था. मार्च से मई माह के अंत तक 16 एयर एंबुलेंस का जयपुर एयरपोर्ट पर आवागमन भी हुआ था. हालांकि यह सिलसिला अभी भी जारी है.