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स्वतंत्रता सेनानियों के मोनोग्राफ हुए डिजिटल, CM गहलोत ने कहा-ये स्वरूप युवा पीढ़ी के लिए होगा प्रेरक

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के मोनोग्राफ का डिजिटल स्वरूप इन सेनानियों की यादें युवा पीढ़ी तक आसानी से पहुंचाएगा. युवाओं को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि हम सभी का कर्तव्य है कि हमारे महापुरुषों की जीवनी और उनके संघर्ष को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं.

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Published : Aug 9, 2021, 8:31 PM IST

स्वतंत्रता सेनानियों के मोनोग्राफ हुए डिजिटल
स्वतंत्रता सेनानियों के मोनोग्राफ हुए डिजिटल

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये स्वाधीनता संग्राम के पुरोधाओं के मोनोग्राफ के डिजिटल संस्करण का लोकार्पण किया.

यह कार्यक्रम राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी की ओर से किया गया. कार्यक्रम में ई-लाइब्रेरी वेब एप्लीकेशन का शुभारंभ भी मुख्यमंत्री ने किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अगस्त क्रांति दिवस के मुबारक मौके पर स्वतंत्रता सेनानियों के मोनोग्राफी का डिजिटल स्वरूप का लोकार्पण एक क्रांतिकारी कदम है. आज के ही दिन गांधीजी की रहनुमाई में भारत छोड़ो का नारा देते हुए सभी धर्म, संप्रदाय एवं जातियों के लोग स्वाधीनता संग्राम में कूद पड़े थे.

उन्होंने कहा कि राजस्थान के सभी जिलों से स्वतंत्रता सेनानियों ने इस आंदोलन में भूमिका निभाने में कोई कमी नहीं रखी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मोनोग्राफ के डिजिटलाइजेशन के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए. ताकि छात्रों खासकर शोधार्थियों को हमारे स्वाधीनता सेनानियों के बारे में जानने में आसानी हो.

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उन्होंने कहा कि जिन स्वाधीनता सेनानियों के मोनोग्राफ नहीं बने हैं. उनके मोनोग्राफ भी प्रकाशित हों. जो स्वतत्रंता सेनानी अभी जीवित हैं, उनके अनुभवों का वीडियो बनाकर स्वाधीनता संग्राम की उनकी यादों को युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक बनाने का प्रयास किया जाए. उन्होंने राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी के माध्यम से अधिक से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पुस्तकें छपवाकर उनके त्याग एवं बलिदान के बारे में जानकारी युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का सुझाव दिया.

उन्होंने कहा कि इतिहास की जानकारी नहीं रखने वाले खुद इतिहास नहीं बना पाते. इतिहास वही बना पाते हैंं जो देश के इतिहास से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ते हैं. गहलोत ने राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी को मोनोग्राफ के डिजिटलाइजेशन के लिए साधुवाद दिया और आशा व्यक्त की कि नवाचारों के माध्यम से आने वाले समय में अकादमी प्रदेश के साहित्य एवं संस्कृति के संरक्षण का कार्य करेगी.

15 वर्ष पहले प्रकाशित 61 मोनोग्राफ डिजिटल स्वरूप में

15 वर्ष पहले प्रकाशित 61 मोनोग्राफ के डिजिटल स्वरूप में आने से छात्र सरल और सुगम तरीके से मोबाइल पर डाउनलोड कर स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी के बारे में जानकारी हासिल कर पाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2001 से अब तक दिवंगत हुए लगभग 150 स्वतत्रंता सेनानियों के मोनोग्राफ के प्रकाशन की तैयारी की जा रही है.

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