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राजस्थान में लागू हो सकता है 'मॉडिफाइड लॉकडाउन', समितियों ने CM को सौंपी रिपोर्ट - राजस्थान में कोरोना वायरस का मामला

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच बचाव के लिए चल रहा लॉकडाउन जल्द ही राजस्थान में 'मॉडिफाइड लॉकडाउन' में बदला जा सकता है. लॉकडाउन और वित्तीय सुधार के लिए गृह विभाग एसीएस राजीव स्वरूप और पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव अरविंद मायाराम की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है.

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राजस्थान में लागू किया जा सकता है 'मॉडिफाइड लॉकडाउन'

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Published : Apr 13, 2020, 8:31 AM IST

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच बचाव के लिए चल रहा लॉकडाउन जल्द ही प्रदेश में 'मॉडिफाइड लॉकडाउन' में बदला जा सकता है. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार से चर्चा के बाद ही होगा. कुछ चुनिंदा पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके संकेत दिए हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि लॉकडाउन और वित्तीय सुधार के लिए गृह विभाग एसीएस राजीव स्वरूप और पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव अरविंद मायाराम की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है.

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समितियों ने की ये सिफारिशें...

समितियों ने जो रिपोर्ट सरकार को सौंपी है, उसमें मॉडिफाइड लॉकडाउन के तहत अलग-अलग व्यवस्था बहाल की जाने की सिफारिशें है. रिपोर्ट में 4 तरह के रिस्क एरिये को बताया गया है. जिसके अनुसार मॉडिफाइड लॉकडाउन की सिफारिशें की गई है.

हाई रिस्क एरिया...

ये वो एरिया है, जहां 10 से अधिक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और जोखिम की बहुत ज्यादा संभावना है. ऐसे क्षेत्र में बिना कोई छूट दिए लॉकडाउन और कर्फ्यू सख्ती के साथ जारी रहे, इसकी सिफारिश की गई है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और बचाव कार्यों के उपाय में सख्ती से पालना की बात भी कहा गई है.

मीडियम रिस्क एरिया...

ये वो क्षेत्र है, जहां 10 से कम लेकिन 5 से ज्यादा पॉजिटिव पाए गए हैं. यहां सोशल डिस्टेंसिंग और बचाव उपाय का सख्ती से पालना हो, निजी वाहनों को छूट दें, लेकिन किसी भी वाहन में एक ही व्यक्ति हो उससे अधिक नही हो. वहीं रविवार को निजी वाहनों पर भी पाबंदी लगाई जा सकती है. फूड स्टोर ग्रॉसरी और अन्य आवश्यक वस्तुओं की दुकानों और शोरूम खोले जा सकते हैं, लेकिन धार्मिक स्थल जनता के लिए ना खुले. राजनीतिक जुलूस पर पाबंदी हो और स्कूल कॉलेज शैक्षणिक संस्थाएं ना खुले. सामान्य स्थितियों तक ऑनलाइन अध्ययन जारी रखा जाए. वहीं सिनेमाघर, जिम, स्विमिंग पूल पर पाबंदी हो. सामाजिक आयोजन में 20 से अधिक लोग न जुटे और आवश्यक औद्योगिक इकाइयां खुले, लेकिन श्रमिक स्थानीय ही हो.

लो रिस्क एरिया...

वो क्षेत्र जहां 5 से कम पॉजिटिव हो और बीते 14 दिनों में कोई नया पॉजिटिव नहीं मिला हो, उसे लो रिस्क एरिया माना गया है. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग की तो सख्ती से पालना की सिफारिश की गई है. साथ ही यहां आने वाले कार्यालय में 50 फीसदी स्टाफ रोस्टर पद्धति से सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य उपायों के साथ काम करें, जबकि 50 परसेंट स्टाफ वर्क फ्रॉम होम करें. वहीं औद्योगिक इकाइयों का आधा स्टाफ कार्यालय और आधा घर से काम करें.

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यहां बाजार रेस्टोरेंट और अन्य खाने-पीने की दुकानें खुले, लेकिन होम डिलीवरी ही हो. साथ ही दोपहिया वाहन पर दो ही सवारी हो. इस क्षेत्र में धार्मिक स्थल, जुलूस, स्कूल-कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान ना खोला जाए, इसकी भी सिफारिश की गई है. वहीं सिनेमाघर, जिम, क्लब, स्विमिंग पूल पर पूर्ण पाबंदी और सामाजिक आयोजनों में 20 से अधिक लोग एकत्रित न हो, यह भी सिफारिश की गई है.

नो रिस्क एरिया...

यह वह क्षेत्र कहलाएगा जहां एक भी पॉजिटिव रोगी नहीं मिला हो और 14 दिन में कोई भी संक्रमित सामने नहीं आया हो. इस क्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य बचाव उपाय अपनाते हुए सरकारी, निजी दफ्तर, औद्योगिक इकाइयां, बाजार, दुकान, होटल, निजी वाहन आदि सामान्य दिनों के जैसे ही संचालित हो. रेस्टोरेंट और खानपान की दुकानों में बीच की एक टेबल खाली रखें. परिवहन सेवा में 50 प्रतिशत की क्षमता से ही सवारियां बैठा सकते हैं. शादी और अन्य सामाजिक आयोजन में 20 से अधिक लोग एकत्रित ना हो. इस स्थिति में धार्मिक स्थल जनता के लिए ना खुले, धार्मिक-राजनीतिक जुलूस पर भी पाबंदी रहे. शैक्षणिक संस्थान बंद रखने की सिफारिश भी इस क्षेत्र में की गई है. सिनेमाघर, जिम, क्लब, स्विमिंग पूल आदि पर भी पूर्ण रूप से पाबंदी लगाए जाने की सिफारिश की गई है.

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