जयपुर. प्रदेश के सभी शहरों में सरकार की हिदायत के बाद अब स्वत: मॉडल बिल्डिंग बायलॉज लागू हो गए हैं और अब जिन निकायों ने मनमानी की उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. निकायों में मॉडल बिल्डिंग बायलॉज के आधार पर ही भवन निर्माण अनुमति की प्रक्रिया अपनानी होगी.
भवन निर्माण गतिविधियों को रेगुलेट करने के लिए मॉडल राजस्थान भवन विनियम 2020 लागू किए गए हैं. इसे सभी नगरीय निकायों में लागू करने के लिए पहले यूडीएच का 16 अक्टूबर 2020 और स्वायत्त शासन विभाग ने 26 अक्टूबर 2020 को पत्र भेजा था. इसके बाद 27 नवंबर 2020 और फिर 18 जनवरी 2021 को भी निर्देशित किया गया. लेकिन 125 से ज्यादा निकाय ऐसे हैं, जिन्होंने चार बार स्मरण पत्र भेजे जाने के बावजूद नए बायलॉज लागू करने की जानकारी नहीं भेजी.
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ऐसे में अब स्वायत्त शासन विभाग की निर्धारित तिथि के बाद सभी निकायों में ये बायलॉज स्वत: लागू हो गए हैं. जिन निकायों ने इसे लागू नहीं किया है, उनकी मनमानी नहीं चलेगी. क्योंकि बायलॉज को नजरअंदाज करने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी.
ये है मॉडल बिल्डिंग बायलॉज के प्रमुख प्रावधान:
- 500 वर्ग मीटर तक के क्षेत्रफल के भूखंडों के लिए मानचित्र अनुमोदन की जरूरत नहीं.
- 2500 वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर डीम्ड बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम लागू.
- 15 मीटर की जगह 18 मीटर ऊंचाई के भवनों को बहुमंजिला भवन श्रेणी में माना गया.
- 90 वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर बने आवास के लिए किसी प्रकार के सेट बैक छोड़ने की जरूरत नहीं.
- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी संस्थाएं तीन बिल्डिंग एरिया रेशयों तक अधिक निर्माण कर सकती हैं.
- स्टिल्ट पार्किंग प्रस्तावित करने पर स्टिल्ट पोडियम को भवन की ऊंचाई से मुक्त किया गया.
शहरों के सुनियोजित विकास के लिए ये मॉडल बिल्डिंग बायलॉज बनाए गए थे. जिन्हें 125 से ज्यादा नगरीय निकायों की ओर से लागू करने की सूचना नहीं दी गई. लेकिन समय सीमा बीत जाने के बाद अब सभी निकायों में मॉडल बिल्डिंग बायलॉज लागू किए गए हैं.