जयपुर/लखनऊ: विधानसभा में सपा एमएलसी सुनील सिंह साजन ने संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट में चल रहे कोविड-19 अस्पताल में कोरोना वायरस के इलाज में चल रही अव्यवस्थाओं को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि सरकार के मंत्री रहे चेतन चौहान का निधन कोरोना वायरस से नहीं, बल्कि पीजीआई की अव्यवस्था के चलते हुआ है. वहीं एसजीपीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर आर.के. धीमन ने सपा एमएलसी के लगाए आरोपों का खंडन किया है.
सपा एमएलसी सुनील साजन ने विधानसभा सत्र में उठाए सवाल
सुनील सिंह साजन ने बताया कि वह PGI के जिस वार्ड के बेड नंबर 13 पर थे, उसी वार्ड में बेड नंबर 14 पर सैनिक कल्याण व होमगार्ड मंत्री रहे चेतन चौहान भी भर्ती थे. साजन ने बताया कि चौहान के भर्ती होने के बाद वार्ड के दरवाजे पर पहुंची डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम ने वहीं से पूछा चेतन कौन हैं? इस पर मंत्री ने हाथ हिलाकर इशारा किया. इसके बाद टीम ने पूछा, चेतन आपको कब हुआ कोरोना? इस पर उन्होंने डॉक्टरों को अपनी बात बताई. इसके बाद चिकित्सीय टीम के एक स्टाफ ने उनसे पूछा चेतन तुम क्या करते हो? उन्होंने बताया कि मैं कैबिनेट मंत्री हूं. इस पर उनसे पूछा गया कहां के? जब उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के तो इस पर भी पीजीआई की टीम ने नरमी नहीं दिखाई.
बकौल साजन, 'मैं इस सोच में पड़ गया कि कैसे ये लोग एक मंत्री से ऐसी बदतमीजी से बात कर सकते हैं, लेकिन मुझे भरोसा हुआ कि मंत्री ने जब कहा कि वे यूपी के कैबिनेट मंत्री हैं तो शायद वे चेतन जी कहेंगे या सम्मान से बात करेंगे. इतना सब सुनने के बाद भी जब पीजीआई के स्टाफ ने कहा- चेतन, तुम्हारे घर में और कौन संक्रमित है? तब ये सुनकर मुझे गुस्सा भी आया, दुख भी हुआ और सरकार पर भी गुस्सा आया.
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सुनील साजन ने कहा- तो क्या उत्तर प्रदेश में सिर्फ सीएम योगी आदित्यनाथ का सम्मान होगा? अगर किसी मंत्री को कोरोना हो जाए तो उनके साथ कैसा व्यवहार होगा ये आप सोच नहीं सकते. उन्होंने सदन में कहा, हम भगवान से प्रार्थन करेंगे की किसी को कोरोना न हो. बकौल साजन,'' जब मैं अपना गुस्सा रोक नहीं पाया तब मैंने डॉक्टर से कहा- क्या आप जानते हैं ये कौन हैं? मैंने कहा- ये वो चेतन हैं, जो देश के लिए क्रिकेट खेलते थे. फिर डॉक्टर ने कहा- अच्छा ये वो चेतन हैं. इतना कहते हुए पूरा स्टाफ बाहर चला गया. सुनील साजन ने कहा, चेतन चौहान दो दिन तक हमारे बगल में रहे. वो जो घुटन महसूस कर रहे थे और कोई नहीं कर सकता. कोरोना से नहीं बल्कि सरकार की अव्यवस्था से उनकी जान गई है.