जयपुर. राजस्थान विधानसभा में भाजपा के मकराना से मौजूदा विधायक रूपाराम अपनी शेरो शायरी के लिए जाने जाते हैं और सदन में अपने क्षेत्र की समस्या और मांग उठाने का तरीका भी उनका अनोखा है. मंगलवार को भी जब ग्रामीण विकास की अनुदान मांगों पर उन्हें बोलने का मौका मिला तो रूपाराम ने अपनी शेरो शायरी से सदन में समा बांध दिया. विधायक गिरधारी लाल ने सदन में आवारा पशु आयोग के गठन की मांग कर सबको चौंका डाला. अन्य विधायकों ने भी चर्चा में कई सुझाव दिए.
सदन में बहस में शामिल होते ही रूपाराम ने शुरुआत ही शायरी से की. ग्रामीण विकास मंत्री को अपनी अदाओं में यह कह डाला कि 'मंत्री जी कुछ तो ऐसा कर दो वरना यह कुर्सी तो आनी जानी है... इस दौरान रूपाराम ने विकास व भ्रष्टाचार को लेकर भी व्यंगात्मक रूप से कई कटाक्ष किए. रूपाराम जब सदन में अपनी अदाओं में बोल रहे थे तब हर कोई उन्हें तसल्ली से सुन रहा था. ऐसा होना लाजमी भी था क्योंकि रूपाराम मौजूदा सत्र में पहली बार सदन में बोल रहे थे. हालांकि, कुछ देर बाद समय की कमी देखते हुए उन्होंने फटाफट अपने क्षेत्र की मांगें रख डाली.
डूंगरगढ़ से विधायक गिरधारी लाल ने गांव में आवारा पशुओं से हो रही समस्याओं का जिक्र करते हुए (MLA Ruparam Murawtiya in Rajasthan Assembly) सरकार से कहा कि इसके लिए आवारा पशु मंत्रालय अलग से बना दिया जाए. आवारा पशु आयोग भी गठित करके उसकी जिम्मेदारी किसी को दें तो इस दुविधा से किसान को निजात मिलेगी.
अधिकतर विधायकों ने उठाई सरपंचों की मांगः सदन में ग्रामीण विकास और सामुदायिक विकास के अनुदान मांगों पर बोलते हुए लगभग हर विधायक ने सरपंचों की 11 सूत्री मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. यह भी कहा कि जो इनकी मांग पत्र है उस पर सरकार सकारात्मक निर्णय करे. क्योंकि सरपंच संघ 22 मार्च को 11000 सरपंचों के साथ जयपुर में विधानसभा का घेराव करेगा.
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सरपंचों की मांग सदन में उठाने वालों में जेपी चंदेलिया, लक्ष्मण मीणा, पदमाराम, मदन प्रजापत, नारायण बेनीवाल सहित कई विधायक शामिल हैं. इसके अलावा अधिकतर विधायकों ने ग्राम पंचायतों के खराब माली हालत का मामला उठाते हुए यहां जनता जल योजना से जुड़े बिजली के बिल के पैसे तक नहीं भरे जाने की बात कही.