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विधायक रामलाल शर्मा ने अधिवक्ता कल्याण निधि विधेयक को लेकर कसा तंज,'हींग लगे ना फिटकरी, रंग भी चोखा आए' - Rajasthan News

भाजपा विधायक रामलाल शर्मा ने अधिवक्ता कल्याण निधि विधेयक पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जेब से एक भी पैसा खर्च नहीं कर रही और अधिवक्ताओं के रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ाने का काम कर रही है. वहीं भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि रिटायरमेंट पर वकीलों को कम से कम 35 लाख रुपये दिए जाए.

Jaipur News, विधायक रामलाल शर्मा, विधायक अशोक लाहोटी
विधायक रामलाल शर्मा ने कसा तंज

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Published : Mar 7, 2020, 3:56 PM IST

जयपुर.राज्य सरकार के अधिवक्ता कल्याण निधि विधेयक पेश करने पर चौमू से भाजपा विधायक रामलाल शर्मा ने शनिवार को तंज कसा है. उन्होंने कहा कि ये वैसा ही है, जैसे 'हींग लगे ना फिटकरी, रंग भी चोखा आए'. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जेब से एक भी पैसा खर्च नहीं कर रही और अधिवक्ताओं के रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ाने का काम कर रही है.


विधानसभा में विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि सरकार अधिवक्ताओं की रजिस्ट्रेशन फीस के अलावा उनका वेलफेयर शुल्क बढ़ाने का काम कर रही है. लेकिन, इन सबके बीच सरकार की तरफ से एक भी पैसा देने की बात नहीं की जा रही. उन्होंने मांग की है कि सरकार को अपनी जेब से भी अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए पैसा देना चाहिए.

विधायक रामलाल शर्मा ने कसा तंज

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विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि सरकार को सभी अधिवक्ताओं का इंश्योरेंस कराना चाहिए और प्रीमियम की राशि सरकार अपनी जेब से दें. एक सीनियरिटी लिस्ट बनाकर सरकार भूखंड आवंटन का काम करें. अधिवक्ताओं के बैठने के लिए उनके लिए चैम्बर बनाए. वकीलों के लिए पार्किंग की भी अच्छी व्यवस्था करें. साथ ही उनके प्रोटेक्शन के लिए एक बिल लेकर आए, क्योंकि आए दिन देखा जाता है कि वकीलों के साथ गंभीर मामले होते हैं. उनकी सुरक्षा की चिंता भी सरकार को करनी चाहिए.

वहीं, भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि रिटायरमेंट पर वकीलों को कम से कम 35 लाख रुपये दिए जाए. आधे पैसे कल्याण कोष से दिए जाएं और आधे सरकार खुद दे. सरकार ने इसमें एक रुपये का भी प्रावधान नहीं किया. कोर्ट की स्थिति को लेकर भी लाहोटी ने अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि आज कोर्ट की स्थिति बहुत ही खराब है. वहां ना तो बैठने की व्यवस्था है और न ही पानी की. वहां मूलभूत सुविधाओं की समस्या है. उन्होंने कहा कि सरकार बिल को लेकर जल्दबाजी ना करें, उसे जनमत के लिए भेजें.

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