जयपुर. राजस्थान विधानसभा में कोरोना प्रबंधन और लॉकडाउन से आर्थिक स्थिति पर हुए असर पर चर्चा के दौरान प्रदेश में खाली चल रहे चिकित्सकों के पदों का मामला भी उठा. भाजपा विधायक और पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी बजट घोषणा में 2000 डॉक्टरों की भर्ती के वादे को याद दिलाया. वहीं, प्रदेश में इस महामारी के दौरान डोनेटेड प्लाज्मा को भी फ्री करने की मांग की.
राजस्थान विधानसभा में चर्चा में शामिल होते हुए विधायक कालीचरण सराफ ने प्रदेश सरकार को पूर्व में किया गया अपना वादा याद दिलाया और कहा कि आज भी राजस्थान में करीब 3500 चिकित्सकों के पद खाली पड़े हैं. सराफ ने कहा कि चिकित्सा मंत्री कहते हैं कि सरकार ने इस महामारी के दौरान 40 हजार रुपए का इंजेक्शन फ्री कर दिया है, लेकिन आज भी प्लाज्मा डोनेट करने के बाद उस गरीब व्यक्ति से अस्पताल की ओर से साढ़े 16 हजार रुपए वसूल किए जा रहे हैं. यह गरीबों के साथ अत्याचार है, ऐसे में मुख्यमंत्री सदन में इस बात की घोषणा करें कि अब डोनेटेड प्लाज्मा भी फ्री में उपलब्ध कराया जाएगा.
'निजी अस्पताल ने मचा रखी है लूट, सरकार दें ध्यान'
कालीचरण सराफ ने इस दौरान निजी अस्पतालों की ओर से कोविड-19 के मरीजों से वसूल की जा रही मनमानी फीस का मामला भी उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार और मंत्री कहते हैं कि निजी अस्पतालों के लिए फीस देख कर रखी है. सामान्य बेड के लिए 2 हजार और वेंटिलेटर वाले बेड के लिए 4 हजार रुपए प्रतिदिन तय है, लेकिन बीजेपी के ही कुछ कार्यकर्ताओं का उदाहरण देते हुए कालीचरण सराफ ने कहा कि निजी अस्पताल लाखों रुपए वसूल कर रहे हैं.