जयपुर. मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट, द्वितीय ने विधायकों के खरीद-फरोख्त मामले में कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर गिरफ्तार आरोपी संजय जैन को 14 दिन के लिए न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है. वहीं, अदालत ने आरोपी की ओर से पेश जमानत अर्जी को भी खारिज कर दिया है.
बता दें कि शुक्रवार को 6 दिन की पुलिस अभिरक्षा की अवधि पूरी होने के बाद एसओजी की ओर से आरोपी संजय जैन को अदालत में पेश किया गया. एसओजी की ओर से कहा गया कि मामले में आरोपी से पूछताछ पूरी कर ली गई है. ऐसे में अब उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया जाए. इस पर आरोपी पक्ष की ओर से अदालत में जमानत अर्जी पेश की गई.
पढ़ें-सचिन पायलट सहित बागी विधायकों को HC से राहत, स्पीकर के नोटिस पर यथास्थिति के आदेश
जमानत में कहा गया कि मामले में एसओजी के पास उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. इसके अलावा मामले में उसकी कोई संलिप्तता भी सामने नहीं आई है. साथ ही एसओजी को उससे कोई रिकवरी भी नहीं करनी है. वहीं अब केस में आरोप पत्र पेश होने के बाद ट्रायल पूरी होने में समय लगेगा. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए.
इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील की ओर से कहा गया कि आरोपी प्रभावशाली व्यक्ति है. यदि उसे जमानत दी गई तो वह मामले में गवाहों को प्रभावित कर सकता है. इसके अलावा आरोपी पर सरकार को अस्थिर करने का गंभीर आरोप है, ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जाए.
पढ़ें:सचिन पायलट को अब नहीं भेजी जाएगी आदेश की कॉपी, Etv भारत की खबर के बाद कार्मिक विभाग ने सुधारी अपनी गलती
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी पर आजीवन कारावास की सजा मिलने का अपराध करने का आरोप है, ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.