जयपुर.पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर द्वितीय ने सौतेली भांजी का अपहरण कर उसके साथ कई दिनों तक दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल की सजा सुनाई (Rape accused sentenced to 20 years jail) है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 75 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.
अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया कि पीड़िता के पिता ने दो शादियां कर रखी हैं. पीड़िता पहली पत्नी की बेटी है. वहीं, दूसरी पत्नी का 21 वर्षीय भाई पीड़िता को 22 दिसंबर, 2018 को बहला-फुसला कर अपने साथ ले गया. अभियुक्त ने पीड़िता को करीब 7 माह नारनौल सहित अनेक स्थानों रखा और उसके साथ संबंध बनाए. दूसरी ओर पीड़िता के पिता की रिपोर्ट पर कानोता पुलिस ने अभियुक्त को 9 जुलाई, 2019 को गिरफ्तार कर पीड़िता को बरामद किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता ने पक्षद्रोही होकर कहा कि वह शादी करने अपनी मर्जी से अभियुक्त के साथ गई थी, लेकिन अदालत ने नाबालिग की सहमति का कानून में कोई महत्व नहीं होने के आधार पर पीड़िता के तर्क को नहीं माना और अभियुक्त को सजा सुनाई.