जयपुर. गहलोत सरकार के मंत्री लगातार संगठन के कार्यक्रमों से दूरी बना रहे हैं. आलम यह है कि राजधानी जयपुर में होने वाले कार्यक्रमों में भी ज्यादातर मंत्री नदारद रहने लगे है. प्रदेश कांग्रेस ने राज्य में एक सप्ताह में 3 प्रदर्शन किए. इन प्रदर्शनों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बुलावे बाद भी अधिकांश मंत्रियों ने प्रदर्शनों से दूरी बना ली. कार्यक्रमों से मंत्रियों की लगातार दूरी बनाए रखने का मामला प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लिए चिंता का कारण बना हुआ है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लिए चिंता की बात यह है कि संगठन के कामों में सरकार के मंत्री दूरी बनाए हुए हैं. संगठन के कार्यक्रमों से गहलोत मंत्रिमंडल के ज्यादातर सदस्यों ने दूरी बना रखी है. जबकि हर बार कार्यक्रम से पहले मंत्रियों को कार्यक्रम में शामिल की सूचना भी दी गई थी. यह हालात तो तब है जब 3 में से 2 कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री को भी आना था और एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गहलोत शामिल भी हुए थे. लेकिन इसके बावजूद गहलोत मंत्रिमंडल के ज्यादातर मंत्री संगठन के कार्यक्रमों से दूरी बना ली.
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राजस्थान में कृषि कानूनों के विरोध को लेकर कांग्रेस पार्टी पिछले 1 साल से धरने प्रदर्शन कर रही है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 5 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक 3 बडे़ प्रदर्शन कर किए. लखीमपुर खीरी में हुई किसानों के खिलाफ हिंसा, प्रियंका गांधी को हिरासत में लिए जाने और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग को लेकर प्रदर्शन किए है. 5 अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी की ओर से पैदल मार्च निकाला गया. जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर हुई सभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पहुंचे थे. 7 अक्टूबर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत कांग्रेस के नेताओं ने उत्तर प्रदेश के लिए कूच किया और भरतपुर के ऊंचा नगला बॉर्डर पर जाकर प्रदर्शन किया. इसके बाद 11 अक्टूबर को सिविल लाइंस फाटक पर कांग्रेसियों ने मौन व्रत रखा. इन सभी
इन कार्यक्रमों में मंत्रियों की उपस्थिति नगण्य रही.
5 अक्टूबर को पैदल मार्च और प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर सभा