जयपुर. राजस्थान की जनता कोरोना से जूझ रही है तो वहीं सरकार को विपक्षी दल भाजपा के साथ अपनी ही पार्टी के विधायकों के अंतर्विरोध से जूझना पड़ रहा है. कोरोना की जिलों में क्या वास्तविक स्थिति है यह जानने के लिए 12 मई को हुई कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्रियों को निर्देश दिए थे कि वह अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर देखें कि वहां क्या हालात हैं और किस जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य व्यवस्थआ की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री ने यह निर्देश 12 मई को अपने मंत्रियों को दिए थे लेकिन प्रदेश के 21 मंत्रियों में से 11 मंत्रियों ने ही इन निर्देशों का पालन करते हुए अपने प्रभार वाले 15 जिलों में व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया.
पढ़ें:कोरोना की दूसरी लहर : राजस्थान में 34 चिकित्सकों की मौत, देशभर में आंकड़ा 400 से ज्यादा
वहीं प्रदेश के 8 मंत्री और मुख्य सचेतक और उप मुख्य सचेतकों ने जिलों में जाकर वास्तविक स्थिति जानने की जगह वर्चुअल बैठक के माध्यम से ही खानापूर्ति पूरी कर ली है. वहीं प्रदेश के 3 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद भी अपने प्रभार वाले 4 जिलों का न व्यक्तिगत दौरा किया और न ही वर्चुअल बैठक कर ही स्थिति जानी. हालांकि 22 मंत्रियों में से तीन मंत्री ऐसे भी हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री के निर्देशों से पहले ही अपने प्रभार वाले 5 जिलों का दौरा कर वहां की स्थितियों का जायजा ले लिया था.
इन 11 प्रभारी मंत्रियों ने किया दौरा , 2 मंत्रियों ने वर्चुअल बैठक भी की
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बीकानेर, खेल मंत्री अशोक चांदना ने करौली और दौसा, वन मंत्री सुखराम बिश्नोई ने बाड़मेर और जैसलमेर, उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने बूंदी और सवाई माधोपुर, होमगार्ड मंत्री भजन लाल जाटव ने धौलपुर, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी में नागौर, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने जालौर और सिरोही, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने उदयपुर, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने अलवर, उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने चूरू में व्यक्तिगत दौरा किया. इन 11 मंत्रियों में से प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा किया और वर्चुअल बैठक भी की.