जयपुर. प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों ने स्वतंत्रता दिवस पर सत्याग्रह कर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया. शहीद स्मारक पर एकत्र हुए मंत्रलायिक कर्मचारियों ने रामधुनी गाकर सरकार का विरोध किया और चेतावनी दी कि यदि गहलोत सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो पिछली वसुंधरा राजे सरकार के समय जैसा महापड़ाव डाला गया था वैसा ही महापड़ाव गहलोत सरकार के कार्यकाल में भी डाला जाएगा.
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अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर स्वतंत्रता दिवस के अवसर मंत्रालयिक कर्मचारियों ने एमआई रोड स्थित शहीद स्मारक पर सत्याग्रह किया. इस अवसर पर मंत्रालयिक कर्मचारियों ने कहा जहां एक ओर स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है वहीं, मंत्रालयिक कर्मचारी भी अपनी समस्याओं की आजादी के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं.
11 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं होने पर महापड़ाव की दी चेतावनी कर्मचारियों ने शहीद स्मारक में रामधुनी भी गाई. काफी लंबे समय से उनकी समस्याएं ज्यों की त्यों है और वर्तमान सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही. लंबे समय से कार्रवाई नहीं होने से प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों में भी रोष व्याप्त है.
राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना ने कहा कि गहलोत सरकार को ढाई साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है और हमने 11 सूत्रीय मांग पत्र सरकार को दिया हुआ है, लेकिन अभी तक सरकार ने इस पर कोई कार्य नहीं किया. सरकार का ध्यान मांग पत्र की ओर दिलाने के लिए हम लोग यहां सत्याग्रह कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि सरकार हमारी मांगों को लेकर हम से वार्ता करें ताकि जल्द से जल्द मांगों का निपटारा हो सके.
राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में भी एक लंबा महापड़ाव डाला गया था और सरकार से मांगे मानने का आग्रह किया था, लेकिन उस समय भी सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी थी और सभी मंत्रालयिक कर्मचारियों ने वसुंधरा राज्य सरकार को हटाने का ऐलान कर दिया था. मनोज सक्सेना ने कहा कि हम वही मंत्रालयिक कर्मचारी हैं. यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो हम वैसा ही एक महापड़ाव भी डाल सकते हैं.
दिल्ली दरबार में भी लगाएंगे गुहार
मनोज सक्सेना ने कहा कि यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो हम जल्द ही दिल्ली कूच करेंगे. जहां हम अपनी मांग सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सामने रखेंगे.
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मंत्रलायिक कर्मचारियों की ये है मांगे
मंत्रालयिक कर्मचारियों की लंबित मांगों में ग्रेड पे 3600 करने, सचिवालय के समान वेतन भत्ते देने, 30 अक्टूबर 2017 का वेतन कटौती आदेश निरस्त करने, एआरडी लिंक ओपन करवाने, निदेशालय का गठन करने, पंचायतराज में उच्च पदों का आवंटन पदोन्नति के स्वीकृत 26000 पदों में से शेष रहे 11 हजार पद देने, पदोन्नति में अनुभव में छूट देने के लिए एक बार ही शीथलता देने, कनिष्ठ सहायक की न्यूनतम योग्यता स्नातक करने, नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने, मंत्रालयिक कर्मचारियों के समयबद्व पदोन्नति 6, 12, 18, 24 लाभ देने, नो वर्क नो पे के आदेश को वापस लेने सहित अन्य मांगे सरकार के सामने रखी.