जयपुर: जयपुर में राज्य सरकार के मंत्रालयिक कर्मचारियों (Ministerial Employees) ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. सरकार की सख्ती और मनाही को दरकिनार कर शहीद स्मारक (Ministerial Employees On Martyrs Memorial) पर ही पड़ाव डाला. जिसके बाद वे विधानसभा के लिए निकले लेकिन पुलिस की रोक के बाद वो फिर से शहीद स्मारक पर उन्होंने पड़ाव डाला है.
वेतन विसंगति सहित 7 सूत्री मागों को लेकर धरने के बाद कर्मचारियों ने विधानसभा की ओर कूच शुरू किया. हालांकि. कर्मचारी आगे बढ़ते उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें सर्किल से आगे जाने रोक दिया. इस बीच पुलिस और कर्मचारियों के बीच गहमा-गहमी हुई लेकिन बाद में पुलिस की समझाइस पर कर्मचारी मान गए. शाहिद स्मारक के चक्कर लगा कर फिर से पड़ाव शुरू कर दिया.
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर जो रुख अपना रही है. उससे कर्मचारियों में रोष है. विधानसभा का घेराव करने के लिए रैली निकाल रहे है लेकिन प्रशासन कर्मचारियों की शक्ति से घबरा गया है और रैली को रोक दिया है. उन्होंने कहा कि पड़ाव जब जारी रहेगा. जब तक सरकार मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं अपना लेती.
18 सितंबर तक चलेगी विधानसभा, 10 सितंबर को अवकाश...सोमवार को आएंगे गडकरी और गुलाम नबी
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि अखिल राजस्थान राज्य मंत्रालय कर्मचारी संघर्ष समिति (Ministerial Employees On Martyrs Memorial) के बैनर तले हम विरोध कर रहे हैं. सरकार ने इस आंदोलन को दबाने के लिए कोरोना का बहाना बनाया. अब नई कोविड गाइड लाइन के जरिये आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है जिसे हम कामयाब नही होने देंगे.
मंत्रालयिक कर्मचारी गुरुवार सुबह से शहीद स्मारक पर एकत्रित हो कर धरना दे रहे हैं. प्रशासन अब रैली की अनुमति नही दे रहा. हालांकि इससे पहले धरने की भी अनुमति नही थी लेकिन कर्मचारी अपने हक के लिए एकत्रित हुए. इस बीच संघर्ष समिति विधानसभा कूच करने को लेकर भी तत्पर है.
बता दें कि गृह विभाग की ओर से कोरोना गाइडलाइन (corona guideline) को लेकर मंगलवार को दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिसमें किसी भी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम , जुलूस , रैली, धरने प्रदर्शन आदि पर रोक लगा दी है. गाइड लाइन में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में किसी भी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम या जहां पर लोग एकत्रित हों वह कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकता. सरकार की इस गाइड लाइन के बाद भी प्रदेश के हजारों मंत्रलयिक कर्मचारी सरकार खिलाफ लामबंद होते हुए राजधानी पर पड़ाव डाले हुए हैं.
7 मांगों के साथ प्रदर्शन (7 Point Demand)