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हजारों मंत्रालयिक कर्मचारियों ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्ट्रेट कार्यालयों का किया घेराव, कार्य बहिष्कार कर बांधी काली पट्टी, जानिए क्यों - मंत्रालयिक कर्मचारियों का आंदोलन

प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारी (Rajasthan ministerial employees) गुरुवार को आंदोलन की राह पर उतर गए हैं. कर्मचारियों ने सभी जिला कलेक्ट्रेट कार्यालयों का घेराव किया. साथ ही काली पट्टी बांधकर सरकार का विरोध जताया.

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मंत्रलायिक कर्मचारी का आंदोलन

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Published : Jul 22, 2021, 4:29 PM IST

Updated : Jul 22, 2021, 5:11 PM IST

जयपुर. प्रदेश के हजारों मंत्रालयिक कर्मचारियों का आंदोलन गुरुवार से शुरू हो गया. मंत्रालयिक कर्मचारियों ने आधे दिन का कार्य बहिष्कार कर काली पट्टी बांधकर सरकार का विरोध जताया. सभी जिला कलेक्ट्रेट कार्यालयों का घेराव किया. कर्मचारियों ने मांगे नहीं मानने पर 3 अगस्त से सामूहिक हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले मंत्रालयिक कर्मचारियों ने गुरुवार को आधे दिन का कार्य बहिष्कार किया. जिला कलेक्ट्रेट कार्यालयों पर मंत्रालयिक कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. मंत्रालयिक कर्मचारी 26 जुलाई तक काली पट्टी बांधकर काम करेंगे और सरकार के खिलाफ विरोध जताएंगे. 27 से 31 जुलाई तक मंत्रालयिक कर्मचारी कार्य का बहिष्कार कर सभी जिला मुख्यालयों पर कलेक्ट्रेट पर धरना देंगे.

राजस्थान मंत्रलायिक कर्मचारी का आंदोलन

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति के सदस्य गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर पहले भी सरकार को ज्ञापन और नोटिस दिए लेकिन सरकार ने उनकी मांगे पूरी नहीं की. जिला कलेक्टर के माध्यम से एक बार फिर गुरुवार को मुख्यमंत्री से गुहार लगाई गई है. 26 जुलाई तक सभी कर्मचारी काली पट्टी बांधकर सरकार का विरोध जताएंगे.

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राठौड़ ने कहा कि कर्मचारियों से हर महीने हजारों रुपये की वेतन कटौती की जा रही है. उनसे दो से ढाई लाख रुपए की रिकवरी की जा रही है. कुछ कर्मचारी कोर्ट भी गए लेकिन कोर्ट में जाना स्थाई समाधान नहीं है. स्थाई समाधान सरकार को ही करना है. उन्होंने कहा कि 2 अगस्त सरकार कोई निर्णय नही करती है तो 3 अगस्त से प्रदेश का मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल पर चला जाएगा.

मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांग है कि राजस्थान स्टेट पैरिटी के आधार पर कनिष्ठ सहायक (लिपिक ग्रेड द्वितीय) को ग्रेड पर 3600 लेवल 10 में किया जाए और न्यूनतम योग्यता स्नातक की जाए. पूर्व में सरकार के साथ हुए समझौतों के अनुसार 26000 पदों में से शेष रहे 11000 पदों को नवसृजित किया जाए. साथ ही पदोन्नति के पदों पर मानदंडों में ढील दी जाए. चयनित वेतनमान 9,18, 27 के स्थान पर 8, 16, 24, 32 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का लाभ दिया जाए.

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विभाग के 30 अक्टूबर 2017 को जारी वेतन कटौती के आदेश को वापस लिया जाए. साथ ही 5 जुलाई 2013 को जारी आदेश को यथावत रखा जाए. शासन सचिवालय व अधीनस्थ कार्यालयों में कार्यरत मंत्रालयिक संवर्ग के राजपत्रित और अराजपत्रित पदों में व्याप्त असमानता को दूर कर पद पदोन्नति प्रावधान एवं वेतन में समानता के लिए नियमों में संशोधन किया जाए.

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24 अप्रैल 2017 के वित्त विभाग के आदेश को पंचायत राज संस्थाओं के 12000 मंत्रालयिक कर्मचारियों पर लागू कर राजस्थान के अन्य 122 विभागों के मंत्रालयिक कर्मचारियों की तर्ज पर कनिष्ठ सहायक से लेकर संस्थापन अधिकारी तक के पदोन्नति के पद तक करवाए जाए और यह पंचायत राज संस्थाओं के मंत्रलायिक कर्मचारियों को अंतर जिला स्थानांतरण में एक बार ढील देकर पंचायत राज संस्थाओं के मंत्रालयिक कर्मचारियों को न्याय दिया जाए. मंत्रालयिक संवर्ग के पृथक निदेशालय की स्थापना के आदेश जारी किए जाएं.

Last Updated : Jul 22, 2021, 5:11 PM IST

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