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मंत्रालयिक कर्मचारियों ने शुक्रवार के कार्य बहिष्कार को किया स्थगित, सरकार से वार्ता के बाद लिया निर्णय

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ ने सरकार के सकारात्मक रुख को देखते हुए 9 जुलाई के कार्य बहिष्कार को स्थगित कर दिया है. उन्होंने मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को 15 दिन का समय दिया है.

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Published : Jul 8, 2021, 7:48 PM IST

Updated : Jul 9, 2021, 12:03 AM IST

Rajasthan State Ministerial Employees Federation,  Rajasthan Government
मंत्रालयिक कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया स्थगित.

जयपुर.राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ ने शुक्रवार (9 जुलाई) को होने वाले एक दिन के कार्य बहिष्कार के निर्णय को अगले 15 दिन के लिए स्थगित कर दिया है. कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव के साथ गुरुवार को हुई वार्ता के बाद महासंघ ने यह निर्णय किया है.

मुख्य सचिव के निर्देश पर कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव हेमंत गेरा के साथ राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल की बैठक हुई. जिसमें महासंघ की सभी मांगों पर सरकार का सकारात्मक रुख देखने को मिला. बैठक में महासंघ को आश्वासन दिया गया कि उनकी सभी वित्तीय व गैर वित्तीय मांगों पर जल्द निर्णय किया जाएगा.

बैठक में तय किया गया कि राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की मांगों को लेकर सरकार की ओर से जल्द ही प्रमुख शासन सचिव वित्त एवं कार्मिक सचिव की संयुक्त बैठक बुलाई जाएगी. बैठक में जो भी सहमति बनेगी उसे मुख्य सचिव के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा. मुख्य सचिव ने प्रतिनिधि मण्डल को आश्वस्त किया है कि दोनों पक्षों के बीच जो सहमति बनेगी उसे मुख्यमंत्री से पारित करा लिया जाएगा. महासंघ के प्रदेश पदाधिकारियों ने आपस में चर्चा करते हुए 9 जुलाई के कार्य बहिष्कार को अगले 15 दिन के लिए स्थगित कर दिया है. महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिन के बाद भी उनकी मांगों का समाधान नहीं होता है तो जुलाई के अंतिम सप्ताह में महासंघ के कर्मचारी कार्य बहिष्कार करेंगे.

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महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी ने बताया कि राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के 11 सूत्रीय मांग पत्र पर कार्रवाई नहीं होने से लगभग 70 हजार मंत्रालयिक कर्मचारियों में आक्रोश है.

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने राजस्थान विधानसभा में बजट वर्ष 2021-2022 के भाषण में ग्राम सेवकों, पटवारियों, मंत्रालयिक कर्मचारियों इत्यादि के पदो की भर्ती में समान पात्रता परीक्षा लागू करने की घोषणा की थी. लेकिन कार्मिक विभाग ने मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के विपरीत मंत्रालयिक संवर्ग के एंट्री स्केल के पद को समान पात्रता परीक्षा में ग्रामसेवक, पटवारी जैसे समक्ष पदों से भिन्न कर दोयम दर्जे पर रखा है.

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इससे महासंघ के कर्मचारियों में आक्रोश है और वह इसका विरोध कर रहे हैं. लंबे समय से मंत्रालयिक कर्मचारी अपनी योग्यता स्नातक करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन अभी तक उनकी योग्यता स्नातक नहीं की गई. वर्तमान में मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता 12वीं पास है. यदि मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक हो जाती है तो उनकी योग्यता ग्राम सेवक और पटवारियों के समकक्ष हो जाएगी. वह ग्राम सेवक और पटवारियों के साथ समान पात्रता परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. वर्तमान में कार्मिक विभाग के आदेश से मंत्रालयिक कर्मचारियों को जमादारों के समकक्ष समान पात्रता परीक्षा में शामिल किया गया है.

Last Updated : Jul 9, 2021, 12:03 AM IST

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