जयपुर. सरकारी विभागों के खाता खोलने के लिए एंपेनल्ड लिस्ट में से सहकारी बैंक और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों का नाम हटाने का मामला गहलोत मंत्रिमंडल की बैठक में उठाया जाएगा. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि वित्त विभाग की इस गलती में सुधार के लिए कैबिनेट बैठक में सीएम से आग्रह करेंगे.
वहीं सहकारी समितियों के चुनाव (Law for cooperative society elections ) के लिए कानून बनाने को लेकर भी चर्चा की जाएगी. बुधवार को पत्रकारों से रूबरू हुए सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने इसकी जानकारी दी.
मंत्री उदयलाल आंजना मीडिया से हुए रूबरू पढ़ें.Congress Target Bjp: भाजपा विधायक के पैरों में रखी महाराणा प्रताप की तस्वीर, Video Viral... कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
आंजना ने इस दौरान सहकारिता विभाग के 3 साल के कामकाज का ब्यौरा मीडिया के समक्ष रखा. उन्होंने कहा कि जो वादे घोषणापत्र में सहकारिता विभाग से जुड़े थे उन्हें पूरा किया गया है. राजस्थान सरकार के अधीन आने वाले भूमि विकास बैंक और सहकारी बैंक के जरिए किसानों के जो ऋण थे उन्हें माफ किया गया, लेकिन राष्ट्रीय कृत बैंक को कर्जा माफी के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री को तीन बार पत्र लिखने के बावजूद कोई जवाब नहीं आया.
उदयलाल आंजना ने कहा कि यदि राष्ट्रीय कृत बैंकों की ओर से किसानों के कर्जे का एकमुश्त भुगतान को लेकर कुछ सेटलमेंट होता है तो उसमें भी राजस्थान सरकार मदद करने को तैयार है, लेकिन इसकी पहल केंद्र सरकार को करनी चाहिए.
वित्त विभाग सुधरेगा गलती, कैबिनेट बैठक में सीएम से करूंगा आग्रह
वहीं वित्त विभाग की ओर से सरकारी विभागों के खाते खोलने के लिए एंपेनल्ड लिस्ट से स्वीट्स सहकारी बैंक और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को हटा देने के मामले में आंजना ने कहा कि वित्त विभाग जल्द ही यह गलती सुधरेगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में विभाग ने वित्त विभाग को पत्र लिखा है और मुख्यमंत्री से आग्रह के बाद इस संबंध में निर्णय कर लिया जाएगा. अंजना ने बताया आज रात होने वाली गहलोत कैबिनेट की बैठक में वो इस विषय को रखेंगे.
ग्राम सहकारी समितियों के चुनाव के लिए बनेगा कानून
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि राजस्थान में ग्राम सहकारी समितियों में चुनाव के लिए जल्द ही एक कानून बनाया जाएगा. उनके अनुसार इस संबंध में तैयारी शुरू कर ली गई है. जल्द ही कैबिनेट की बैठक में इसे रखकर अनुमति ली जाएगी. अंजना ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि ग्राम सहकारी समितियों के हर 5 साल में चुनाव हो और जो इसमें विसंगतियां हैं उसे भी इस कानून के जरिए दूर किया जाए.