जयपुर. बुधवार को विधानसभा बजट-2022 में नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल ने राजधानी के आस-पास के वन भूमि इलाके में इंफ्रास्टक्चर और ट्यूरिजम (Tourism in Jaipur) को बढ़ावा देने के लिए चार परियोजनाओं की घोषणा की है. जेडीसी गौरव गोयल ने बताया कि नगरीय विकास मंत्री के नेतृत्व में जेडीए इन चारों परियोजनाओं (Four projects announced for tourism in jaipur) को विकसित करने का कार्य लगभग एक साल में पूरा कर लेगा. उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं के विकसित होने से जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण में कमी आएगी और जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा.
इन चार परियोजनाओं की घोषण:
1. आमागढ़ आरक्षित वन में तेंदुआ संरक्षण कार्य- झालाना लेपर्ड रिजर्व में बढ़ रही लेपर्ड की संख्या और खो नागोरियान वनखण्ड के वनक्षेत्र के पास स्थित आमागढ़ और लालवेरी वन क्षेत्र को जेडीए और वन विभाग की ओर से विकसित करने की घोषणा की गई है. इसमे विभिन्न वन्यजीव जैसे लेपर्ड, जरख रेटल अन्य प्रजातियां का आवास है. इन वन्यजीवों के आवास को और अधिक विकसित किया जाना है, क्योंकि झालाना वनक्षेत्र में लेपर्ड का प्रेबेस ना के बराबर है. उसी प्रकार इस वनक्षेत्र में भी लेपर्ड का प्रेबेस नहीं है. उनके लिए प्रेबेस बढ़ाना, जल संरक्षण, निरीक्षण पथ, चौकी इत्यादि कार्य करवाए जाएंगे. इन कार्याें से वनक्षेत्र के विकसित होने के साथ साथ वन्यजीवों का आवास भी विकसित होगा. इसके साथ ही पर्यटकों के लिए भी यह क्षेत्र झालाना लेपर्ड रिजर्व से बेहतर विकसित होगा.
2. टाइगर सफारी- नाहरगढ़ जैविक उद्यान, नाहरगढ अभयारण्य के भाग 720 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है और आमेर पर्यटन क्षेत्र के नजदीक है. इस क्षेत्र में पहले भी जूलोजिकल पार्क, लॉयन सफारी के विकसित होने से पर्यटको की संख्या में वृद्वि हुई है. वहां मौजूद सभी वन्यजीवों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा रही है. नाहरगढ़ जैविक उद्यान में विभिन्न प्रजातियां के वन्यजीव स्वतंत्र रूप से विचरण करते हैं तथा 285 प्रजातियों के पक्षियों को भी निहारा जाता है. इसके लिए उद्यान में लगभग 30 हैक्टयर क्षेत्र की वन भूमि को जेडीए और वन विभाग ने विकसित करने की घोषणा की है.
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3. आद्रभूमि संवर्द्धन मुहाना-जयपुर शहर के मध्य स्थित वन खण्ड मुहाना की 244 हैक्टेयर भूमि पर जेडीए और वन विभाग की ओर से वेटलेण्ड डवलपमेंट और ईको-ट्यूरिजम के संवर्धन के लिए कार्य योजना बना कर क्रियान्विति की जाएगी. इससे 80 से अधिक प्रजातियों के माईग्रेटरी और रेजीडेंट पक्षियों को सुरक्षित और विकसित क्षेत्र उपलब्ध होगा.
4.जयपुर को और अधिक हरा-भरा बनाने की दृष्टि से कपूर चन्द कुलिश स्मृति वन की तर्ज पर, कालवाड़ रोड के लगभग 100 हेक्टेयर वन क्षेत्र और बीड गोनेर के लगभग 160 हेक्टेयर वन क्षेत्र को विकसित किया जाएगा. इस क्षेत्र को अतिक्रमण से प्रभावित नहीं होने देने और स्थित आबादी को स्वच्छ और शुद्व वातावरण प्रदान करने और वन्यजीवों के लिए अच्छा आवास उपलब्ध कराने के लिए परियोजनाओं में पौधारोपण, मृदाजल संरक्षण, चौकी इत्यादि कार्य किए जाएंगे.