जयपुर. रेवेन्यू बोर्ड में मुकदमों के निस्तारण में होने वाली देरी को लेकर राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने बड़ी बात (Minister Ramlal Jat Big Statement) कही है. शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कैबिनेट की मीटिंग में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से रेवेन्यू बोर्ड में लंबित मुकदमों पर चर्चा हुई कि जो केस लंबे चल रहे हैं, उनको कैसे जल्दी निस्तारित किया जाए.
उन्होंने कहा कि एक मुकदमा दर्ज होता है, जिसमें तीन-तीन पीढ़ियां उलझी रहती हैं. जाट ने कहा कि पिता मुकदमा दर्ज कराता है, बेटा तारीख पर जाता है, पोते-पोती उस मुकदमे का फैसला सुनते हैं और वह भी रिमाइंडर केस में चला जाता है. फिर हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट से ग्राम पंचायत तक वापस पहुंचते-पहुंचते मुकदमे के न्याय से लोग हताश हो जाते हैं. यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसे हम ठीक करने (Jat on time bound complaints redressal ) के लिए काम कर रहे हैं और इसमें सफल भी हो रहे हैं.
रामलला जाट ने कहा कि 1949 जब से रेवेन्यू बोर्ड बना है, तबसे इसमें सुधार के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन उस तरीके से सुधार नहीं हुआ. इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कमेटी बनाई है और उस कमेटी की रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट पर अच्छे तरीके से रेवेन्यू बोर्ड में काम किया जा सकता है. रामलला जाट ने कहा कि रेवेन्यू बोर्ड के चेयरमैन राजेश्वर सिंह लगातार इस पर प्रयास कर रहे हैं कि किस तरह से इस जटिल न्याय प्रक्रिया का सरलीकरण (simplification of judicial process Revenue Department) किया जाए.
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बोर्ड के चेयरमैन जल्द ही इस पर प्रोजेक्ट तैयार करें. किस तरह से टाइम बाउंड काम किया जा सकता है, उस पर हम फोकस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी काम चाहे नकल लेने का हो न्यूट्रिशन लेने का हो या चाहे किसी भी तरह का कोई अन्य कार्य है. इन सबका एक समय बंद निस्तारण हो. इस पर हम कुछ करने जा रहे हैं.