जयपुर.राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में स्थानीय प्रशासन से लेकर पुलिस को आदेश जारी कर कहा कि इस तरह की शिकायतों पर तुरंत उन लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए. एसीएस मेडिकल रोहित कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना वारियर्स से गलत बर्ताव को राज्य सरकार सहन नहीं कर सकती.
कोरोना वॉरियर्स जान जोखिम में डालकर कर रहे इलाज उधर, इस मामले पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में अगर इस तरह का कोई भी मामला सामने आया तो मकान मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. उन्होंने कहा कि मुश्किल हालातों में हमें चिकित्साकर्मियों का हौसला अफजाई कर उनका सहयोग करना चाहिए. जोधपुर से इस तरह का मामला सामने आया था. जहां पर जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में गायनी विभाग की सीनियर रेजिडेंट ने शिकायत किया कि मेरे मकान मालिक ने मुझे इसलिए घर से निकाल दिया. क्योंकि कोरोना का संक्रमण है और मैं अस्पताल आती जाती हूं.
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यह शिकायत मिली तो कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किया. उन्होंने सभी मकान मालिकों को पाबंद किया है कि जिनके यहां स्वास्थ्य कर्मी या डॉक्टर रह रहे हैं, वह जबरदस्ती उनसे मकान खाली नहीं करवा सकेंगे.
अब कोई मकान मालिक डॉक्टर और नर्स को घर से नहीं निकाल सकेगा...
पूरी दुनिया के लिए महामारी बन चुके कोरोना वायरस की रोकथाम में जुटे राजस्थान के 'कोरोना वॉरियर्स' के लिए राहत की खबर है. अब कोई भी मकान मालिक अपने यहां रह रहे डॉक्टर और नर्स को घर से निकालेगा, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने सख्त एक्शन लेते हुए, ऐसे मामलों को अपराध की श्रेणी में माना है. साथ ही लोगों से मुश्किल के हालात में चिकित्सा कर्मियों का हौंसला बढ़ाने की अपील की है.
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कोरोना महामारी में एक तरफ जहां चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ और नर्सिंग कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर पीड़ितों को बचाने में लगे हुए हैं. वहीं दूसरी ओर राजधानी जयपुर समेत प्रदेश भर में किराए के मकानों में रह रहे जांबाजों से लोग दूरी बना रहे हैं. प्रदेश में कई मामले ऐसे सामने आए, जिसमें मकान मालिकों ने कोरोना वॉरियर्स को घर खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया, जिस पर संज्ञान लेते हुए चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने इसे अपराध की श्रेणी में बताते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही. इस बारे में एसीएस मेडिकल रोहित कुमार सिंह ने आदेश भी निकाले हैं.
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वहीं चिकित्सा मंत्री ने बताया कि मिडिल ईस्ट से 277 लोगों को बचाकर भारत लाया गया है. जिन्हें जोधपुर में आर्मी क्षेत्र में क्वॉरेंटाइन किया है. इनमें 149 महिलाएं और 128 पुरुष हैं. इन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. राजस्थान में इससे पहले जैसलमेर में 490 लोगों को ईरान से लाकर क्वॉरेंटाइन किया गया था. वहीं जोधपुर और अलवर में भी यह सुविधा विकसित की गई है. इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में आइसोलेशन और आईसीयू के बेड्स में बढ़ोतरी की गई है. साथ ही कोरोना से लड़ने के लिए वेंटिलेटर और उपकरण खरीदने के भी आदेश दिए गए हैं.
गलत बर्ताव पर होगी सख्त कार्रवाई बता दें कि राजस्थान में पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बुधवार को चार नए पॉजिटिव केस सामने आने के बाद ये संख्या 36 जा पहुंची है. हालांकि प्रदेश में लॉक डाउन घोषित है और सूबे की मुखिया ने दो हजार करोड़ का पैकेज कोरोना महामाई से लड़ने के लिए देकर संकल्प लिया है, कि किसी भी व्यक्ति को भूखा नहीं सोने दिया जाएगा. ऐसे में अब अपेक्षा आमजन से है कि वो भी अपनी जिम्मेदारी को समझें. ताकि इस वैश्विक महामारी से मरुधरा को बचाया जा सके.