जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तुलना (Minister Pratap Singh Khachariyawas on Satish Poonia) अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर से किए जाने पर राजस्थान के खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. उन्होंने कहा कि सतीश पूनिया का दिमाग ठिकाने पर नहीं है, उन्हें पढ़ना चाहिए कि बहादुर शाह जफर दिल्ली के वह बादशाह थे, जिनके पूरे खानदान को अंग्रेजों ने तोपों के सामने बांधकर उड़ा दिया था.
प्रताप सिंह ने कहा कि बहादुर शाह जफर ने तो भारत की आजादी के लिए पूरे परिवार का बलिदान दिया था. प्रताप सिंह ने कहा कि जब देश की पहली क्रांति हुई तो तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई ने बहादुर शाह जफर को अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में नेतृत्व करने को कहा और बहादुर शाह जफर ने भी (Story of Bahadur Shah Zafar) 95 साल की उम्र में घोड़े पर बैठकर लड़ाई लड़ी. वह क्रांति भले ही असफल हुई, उसमें लक्ष्मीबाई मारी गईं, तात्या टोपे मारे गए और बहादुर शाह जफर भी शहीद हुए. आज बहादुर शाह जफर की फैमिली का कोई भी सदस्य दिल्ली में इसलिए नजर नहीं आता, क्योंकि उनकी संतानों को अंग्रेजों ने तोपों से बांधकर उड़ा दिया था.
ऐसे लोगों पर बयान देने वाले नेताओं की नीति खराब है. इनका अंत होगा, क्योंकि इनकी मति भगवान ने हर ली है. मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा के तमाम नेताओं का मानसिक संतुलन तो उसी दिन बिगड़ गया था, जब वल्लभनगर में जमानत जब्त हुई और धरियावद में तीसरे स्थान पर रहे. नगर निगम, नगरपालिका और पंचायत चुनाव हारे और उससे भी ज्यादा मानसिक संतुलन उस दिन बिगड़ गया, जब राजस्थान का बजट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेश किया. अब तो भाजपा के नेता केवल हमें गालियां नहीं दे रहे, बाकी कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं.