जयपुर.राजस्थान में वैसे तो अपने कामों को लेकर कई विधायक मंत्रियों और नौकरशाहों की शिकायत करते रहते हैं (Bhaya On Bharat Singh). लेकिन सांगोद विधायक भरत सिंह ने जिस तरह खुलेआम खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर सीधे सीधे आरोप लगाए हैं वो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं. उन्होंने पत्रों के जरिए भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के साथ ही बारां के सोरासन में विलुप्त होते जा रहे गोडावण पक्षी की स्थिति के लिए भी मंत्री जी को दोषी माना है. अब तक प्रमोद जैन भाया पत्रों को लेकर चुप्पी साधे हुए थे, लेकिन उन्होंने पत्र के जरिए ही भरत सिंह के पत्र का जवाब दिया है.
अपना रुख साफ करते हुए लिखा है कि उनके कार्यकाल में अवैध खनन बढ़ा नहीं बल्कि रुका है और यही कारण है कि न केवल राज्य सरकार की राजस्व में बढ़ोतरी हुई है बल्कि केंद्र सरकार ने भी उन्हें बुलाकर सम्मान दिया है. हालांकि सोरसन क्षेत्र में विलुप्त होते पक्षी को लेकर उन्होंने साफ किया है कि इस क्षेत्र में जिस तरह से बारां,झालावाड़, कोटा के विकास के लिए जो विद्युत तंत्र विकसित हुआ है, वह गोडावण की मौत का एक कारण है लेकिन उस विद्युत तंत्र को समाप्त करना बारां जिले के विकास की रीढ़ हड्डी को समाप्त करना जैसा होगा.
मंत्री भाया का जवाब: भाया ने लिखा है-बहस का विषय यह नहीं है, की हमारी पार्टी के सीनियर सांगोद विधायक भरतसिंह जी द्वारा मुझ पर आरोप लगाए गए. वह तो हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, जिनकी बात या आपत्ति का बुरा नहीं मानना सीख लिया. लेकिन बड़ी उल्लेखनीय बात यह है कि प्रदेश भर में अवैध खनन से लेकर अन्य समस्त कोर गतिविधियों सहित राजस्व वसूली में हमारी सरकार ने जो प्रतिमान स्थापित कर दिए, वैसा पिछली भाजपा सरकार से नहीं हो सका और तभी तो भारत सरकार ने हमारे खनिज विभाग को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा. जिससे हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री को मिल रही अनुमोदना तथा बधाईयों से विपक्ष बौखला गया. हमारे सीनियर मार्गदर्शक आदरणीय सांगोद विधायक भरत सिंह कहीं इनके कुप्रचार से प्रभावित हो गए होंगे, जिसके फलितार्थ उनकी नाराजगी जाहिर हुई.हकीकत यह है, कि मेरे मंत्री कार्यकाल में अवैध खनन के विरूद्व प्रभावी कार्यवाही की गई.
भाया ने इसके बाद भाजपा सरकार के 5 साल और वर्तमान कांग्रेस सरकार के 43 महीने में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई और खनन ब्लॉकों की नीलामी के साथ ही राजस्व वसूली का विवरण देते हुए लिखा की भाजपा सरकार के समय अप्रधान खनिज 566 प्लॉट आवंटित हुए जिनमें से 443 प्लॉट ई नीलामी से आवंटित हुए. जबकि कांग्रेस सरकार के 43 महीने में 1500 प्लॉट आवंटित हुए जिनमें से 1132 प्लॉट की नीलामी से. वहीं प्रधान खनिज के ब्लॉक की नीलामी पिछली भाजपा सरकार में 3 ब्लॉक की हुई जबकि वर्तमान सरकार में 13 ब्लॉक की. वही भाजपा सरकार के 5 साल में अवैध खनन के 17,056 मामले हुए जबकि कांग्रेस सरकार के समय 40.831. FIR भी भाजपा सरकार में जहां 2530 थी वह बढ़कर 3698 हुई अवैध खनन में संलिप्त जब्त वाहन 14,056 थे जो वर्तमान सरकार में 39,290 हैं. वहीं अवैध खनन कर रही जब्त मशीनों की संख्या 632 भाजपा सरकार के समय रही तो वर्तमान सरकार के समय 1387 है. इसी तरीके से अवैध खनन पर जुर्माना राशि जो भाजपा सरकार के 5 साल में 100 करोड़ 33 लाख थी वह बढ़कर कांग्रेस सरकार में 43 महीने में ही 317 करोड़ 63 लाख हुई. इसी तरीके से भाजपा सरकार के 5 साल में 13959.26 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि कांग्रेस सरकार में 43 महीनों में ही 19686. 99 करोड़ हो चुकी है.