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'लेटर बम' के बाद खनन मंत्री भाया और पायलट के बीच लंबी मंत्रणा...सियासी गलियारों में खलबली

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Published : Sep 16, 2020, 6:04 PM IST

सांगोद सीट से कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने अवैध खनन के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा था. इस लेटर में भरत सिंह ने मंत्री प्रमोद जैन भाया का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा था. इसी बीच बुधवार को भाया सचिन पायलट से मिलने पहुंचे. दोनों की इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है.

Pramod Jain Bhaya and Pilot meet
मंत्री प्रमोद जैन भाया ने सचिन पायलट से की लंबी सियासी चर्चा

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस के विधायक भरत सिंह ने अपनी ही सरकार के मंत्री के खिलाफ मुख्यमंत्री को लेटर लिख दिया है. विधायक भरत सिंह का यह 'लेटर बम' राजस्थान में पहले से गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस पार्टी के लिए आग में घी का काम कर रहा है. हालांकि, भरत सिंह ने इस लेटर में किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन जिस तरीके से उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रभारी मंत्री बदलने से पहले आवश्यकता मंत्रिमंडल में सबसे भ्रष्ट मंत्री को जनता में संदेश भिजवाने के लिए बर्खास्त किए जाने की बात कही है.

मंत्री प्रमोद जैन भाया ने सचिन पायलट से की लंबी चर्चा

उनका इशारा उसमें कहीं ना कहीं खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया की ओर किया गया है. बुधवार को खनन मंत्री अचानक प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से उनके निवास पर मिलने पहुंच गए और करीब 1 घंटे तक उन्होंने पायलट से चर्चा की. चर्चा के बाद पायलट और प्रमोद जैन भाया ने यह तो नहीं कहा कि दोनों कि इस मसले पर चर्चा हुई है, लेकिन प्रमोद जैन भाया ने यह जरूर कहा कि जब दो नेता मिलते हैं तो आपस में सियासत की बात जरूर होती है.

भरत सिंह का लिखा लेटर

उन्होंने भरत सिंह के लेटर को लेकर कहा कि भरत सिंह कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ विधायक हैं, सम्माननीय नेता हैं. उनका व्यक्तिगत विचार कुछ भी होता है, हर व्यक्ति की अपनी-अपनी अलग-अलग सोच होती है. प्रजातंत्र में हर व्यक्ति लिखने के लिए, कहने के लिए स्वतंत्र है. उनकी व्यक्तिगत कुछ भी सोच हो सकती है. कौन सी बात किस प्लेटफॉर्म पर कहनी चाहिए यह उनकी व्यक्तिगत सोच है.

पढ़ें:कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने फिर खोला अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा, CM को लिखा पत्र

वहीं, सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस के अंदर गुटों की बात होती है, लेकिन हम सब लोग एक ही गुट के हैं जो सोनिया गांधी और राहुल गांधी का है. हम सब ने मिलकर पार्टी को मजबूत करने का काम पहले भी किया था, अभी कर रहे हैं. हम इतना ही चाहते हैं कि संगठन और सरकार मिलकर काम करें 3 साल बाद चुनाव है, अभी से कमर कसनी पड़ेगी.

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