जयपुर. श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली की अध्यक्षता में विभिन्न केन्द्रीय श्रम संगठनों के पदाधिकारियों और विभागीय अधिकारियों के साथ बुधवार को सचिवालय में बैठक आयोजित की गई. बैठक में श्रम संगठनों की ओर से मजदूरों के हित में कई तरह के सुझाव भी दिए गए. मंत्री ने इस सुझाव की पालना के निर्देश दिए है. न्यूनतम मजदूरी के लिए एक त्रिपक्षीय कमेटी गठित करने की भी मांग की गई.
श्रम राज्य मंत्री ने केन्द्रीय श्रम संगठनों की समस्याओं पर की चर्चा बैठक में श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों की ओर से सुझाव दिया गया कि उद्योगों में श्रमिकों की सेवा मुक्ति और वेतन भुगतान नहीं किए जाने संबंधी प्रकरणों की सुनवाई के दौरान प्रबंधन बार-बार बुलाए जाने के बावजूद भी उपस्थित नहीं होता है. अतः इस संबंध में विभाग को प्रभावी कार्रवाई कर समय पर श्रमिकों के प्रकरणों का निस्तारण करना चाहिए.
श्रम संगठनों की ओर से न्यूनतम मजदूरी के पुनरीक्षण के संबंध में एक त्रिपक्षीय कमेटी गठित कर व्यापक विचार विमर्श के उपरान्त न्यूनतम मजदूरी निर्धारण की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए. भारत सरकार की ओर से बनाई गई श्रम संहिताओं (लेबर कोड्स) की जानकारी सभी श्रम संगठनों के साथ साझा की जाए.
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श्रम राज्य मंत्री ने संगठनों की ओर से दिए गए सुझावों को पालना योग्य बताते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि श्रम संगठनों के इन सुझावों की पालना की जाए और श्रमिकों के सभी प्रकार की शिकायतों और विवादों का जल्द निस्तारण किया जाए. बैठक में नीरज के. पवन, शासन सचिव, श्रम और नियोजन विभाग, प्रतीक झांझड़िया, श्रम आयुक्त और विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे.
श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि हमारे श्रम संगठनों की समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा. नए श्रम कानूनों को लेकर हमारी क्या दिशा रहेगी इसको लेकर भी चर्चा की गई. साथ ही इंडस्ट्री में मजदूरों और विभाग की समस्याओं को लेकर के विस्तार से चर्चा की गई है.
टीकाराम जूली ने कहा कि दूसरी लहर के दौरान गहलोत सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है और विशेषज्ञों का कहना है कि तीसरी लहर भी आने वाली है जो बच्चों के लिए घातक होगी. कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार सजक है और ऑक्सीजन आईसीयू सहित अन्य उपकरणों की व्यवस्थाएं की जा रही है.