जयपुर.सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने बुधवार को प्रदेश के जिला अधिकारियों और ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों के साथ करीब साढे़ चार घंटे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभागीय कामकाज की समीक्षा की. इस दौरान मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने सभी पेंडिंग पड़े कामों को 10 जनवरी तक निपटाने के सख्त निर्देश दिए हैं.
मंत्री भंवरलाल मेघवाल ने अधिकारियों के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के पेंशनर्स के भौतिक सत्यापन का कार्य प्राथमिकता के साथ आगामी 31 दिसंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि पात्र पेंशनर को किसी भी तरह की समस्या ना आए. उन्होंने कहा कि अगर कोई पेंशनर खुद आकर सत्यापन कराने की स्थिति में नहीं है ते अधिकारी जाकर पात्र पेंशनर्स का सत्यापन करें.
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इसके अलावा मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने स्वीकृत अथवा बकाया छात्रवृत्ति संबंधी प्रकरणों आवेदनों की स्थिति 31 दिसंबर तक निस्तारित करने के निर्देश भी दिए. इसी तरहअनुदानित संस्थाओं के अनुदान अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति अत्याचार मामलों के पीड़ितों को आर्थिक सहायता संबंधी प्रकरण भी 31 दिसंबर तक निपटाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों के संबंध में स्वीकृति जारी करने का कार्य प्राथमिकता से किया जाए. अतिरिक्त बजट की आवश्यकता है तो मुख्यालय से संपर्क किया जाए.
मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने दिव्यांग जनों को सहायता उपकरण के नि:शुल्क वितरण के लिए सभी संभाग मुख्यालयों पर बड़े स्तर पर कार्यक्रम करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि विभाग किसी भी तरह की कोई पेंडेंसी 10 जनवरी के बाद नहीं रहनी चाहिए. मेघवाल ने सभी अधिकारी को निर्देश दिए कि 10 जनवरी के बाद 10 से 15 जनवरी के बीच में प्रदेश के सभी संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक होगी. इस दौरान अगर किसी भी अधिकारी के यहां पर काम की पेंडेंसी पाई जाती तो उनके खिलाफ करवाई की जाएगी.
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गौरतलब है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर उसके साथ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी. इस दौरान दिशा-निर्देश दिए थे कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर पर बैठे हुए व्यक्ति को मिले. साथ ही काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारी खिलाफ कार्रवाई की थी. सीएम गहलोत की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद में प्रदेश की सरकार के सभी मंत्री भी पूरी तरीके से अपने विभागों के कामकाज को लेकर हरकत में आग गए हैं.