जयपुर. कला, साहित्य एवं संस्कृति डॉ. बीडी कल्ला ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में बुधवार को जवाहर कला केंद्र के अलग-अलग स्थानों पर 10 से अधिक कार्यक्रमों का उद्घाटन किया. इन कार्यक्रमों में हाल ही में लॉन्च किए गए '4-व्हील ड्राइव सिम्युलेटर' का डेमोंस्ट्रेशन भी शामिल है. इस दिन महिलाओं के लिए यह सिम्युलेटर निशुल्क उपलब्ध था. इस अवसर पर जेकेके सूवनिर शॉप और बुक क्लब का भी शुभारंभ किया गया. इसके बाद अलंकार आर्ट गैलरी में दो दिवसीय 'शक्ति आर्ट कैंप' का उद्घाटन किया गया. जिसमें कलाकारों की बनाई गई कलाकृति प्रदर्शित की जा रही हैं. इनके साथ महिला लेखकों की पुस्तक प्रदर्शनी और काव्य पाठ भी आयोजित किया गया.
पढ़ें:नशीले पदार्थ की तस्करी में बेटे की कोर्ट में थी पेशी, बाप जैसे ही मिलने आया पुलिस ने दबोच लिया
मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि हमारे देश में मातृशक्ति की लक्ष्मी, विद्या और शक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा की जाती है. मातृशक्ति हमेशा वंदनीय रही है. हमारी संस्कृति में माता, पिता और गुरु को देवता का दर्जा दिया गया है. यह हमें मातृशक्ति को सबसे पहले वंदन करना सिखाती है. उन्होंने कहा कि आजकल अलग—अलग दिवस मनाए जाते हैं, मगर हमारे यहां तो प्रतिदिन माता, पिता और गुरु को प्रणाम करने की परम्परा रही है. यह कार्यक्रम कला, साहित्य एवं संस्कृति विभाग तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया.
मंत्री कल्ला ने कहा कि माता हमारी प्रथम गुरु भी होती है. जो व्यक्ति अपने जीवन में मातृशक्ति का आदर करते हैं. वे सफलता की ऊंचाइयां तय करते हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभी से मातृशक्ति कर सम्मान करने, उन्हें आगे बढ़ने और सशक्तीकरण के अवसर देने की अपील की. उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति मातृशक्ति को सबसे पहले वंदन करने की सीख देती है.
कल्ला ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने संविधान में संशोधन करते हुए पंचायतीराज संस्थाओं में महिलाओं को प्रतिनिधित्व प्रदान किया और महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए. उन्होंने देश और समाज में महिलाओं को बराबरी के अवसर देते हुए महिला सशक्तीकरण में सबसे अधिक योगदान दिया.
जेकेके की महानिदेशक मुग्धा सिन्हा ने कहा कि महिलाएं सृजन की शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं. 10 मार्च को कला एवं संस्कृति मंत्री ने 10 कार्यक्रमों का उद्घाटन किया है. हमारा एक वर्ष कोविड महामारी में बीता है, जहां हम सभी अपने घरों में अटके हुए थे. हालांकि कार्यक्रम वर्चुअली आयोजित किए जा रहे थे. लेकिन इनमें कलाप्रेमियों की संख्या कम थी. जैसा कि सभी जानते हैं कि किसी भी कलाकार का काम जब तक दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जाता वह अधूरा माना जाता है.
जेकेके की ओर से सूवनिर शॉप, बुक क्लब व विभिन्न प्रदर्शनियों, काव्य गायन, व मांड गायकी जैसी विभिन्न पहलों के साथ हमने शानदार शुरुआत की है और आगामी दिनों में संगीत, नृत्य, रंगमंच, फिल्ममेकिंग जैसे क्षेत्रों में कई और शानदार कार्यक्रमों के लिए तैयार हैं. राजस्थान के विज्ञान संग्रहालयों पर आधारित 'एक्सपर्टली शॉट डॉक्यूमेंटरी' कृष्णायन में प्रदर्शित की गई. इंडियन कॉफी हाउस में 'कप ऑफ जॉय' के कैशलेस सिस्टम का उद्घाटन किया गया. राजस्थान सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग और इंडियन वुमन हिस्ट्री म्यूजियम की ओर से आयोजित 'वुमन हिस्ट्री एग्जीबिशन' का भी उद्घाटन किया गया.