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अभियंता शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या वाले इलाकों पर रखें फोकस, कोताही बर्दाश्त नहींः बीडी कल्ला - Rajasthan News

प्रदेश में पेयजल को लेकर जलदाय मंत्री बीड़ी कल्ला सख्त नजर आ रहे हैं. मंत्री कल्ला ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से कहा कि आगामी दिनों में सभी अभियंता अपने-अपने जिलों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुचारू बनाए रखने पर पूरा फोकस करें और समस्या वाले इलाकों में जल परिवहन के माध्यम से लोगों को राहत पहुंचाए. इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए.

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मंत्री बीडी कल्ला की अधिकारियों के साथ बातचीत

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Published : Jun 10, 2020, 9:11 AM IST

जयपुर. जलदाय मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने कहा है कि पेयजल सभी लोगों के लिए बड़ी आवश्यकता और जीवन का आधार है. अगर कोई व्यक्ति पेयजल से संबंधित समस्या लेकर विभाग के कार्यालयों से सम्पर्क करता है, तो उसकी संवेदनशीलता के साथ सुनवाई कर तत्परता से निदान करें.

मंत्री बीडी कल्ला ने पेयजल को लेकर अधिकारियों को दिए निर्देश

मंत्री कल्ला ने कहा कि आगामी दिनों में सभी अभियंता अपने-अपने जिलों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुचारू बनाए रखने पर पूरा फोकस करें और समस्या वाले इलाकों में जल परिवहन के माध्यम से लोगों को राहत पहुंचाए. इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए.

बता दें, डॉ. कल्ला जयपुर में शासन सचिवालय के एनआईसी स्टूडियो से जलदाय विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने जनता की ओर से दर्ज कराए जाने वाले प्रकरणों में ज्यादा से ज्यादा जिला स्तर पर ही निस्तारण करने के निर्देश दिये.

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कल्ला ने कहा कि जिला स्तरीय नियंत्रण कक्षों और राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्षों के माध्यम से 95 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निवारण किया गया है, जो सराहनीय है. कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं की जाएगा. जलदाय मंत्री ने करीब तीन घंटे तक चली वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सभी जिलों के एनआईसी सेंटर्स पर मौजूद मुख्य अभियंता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंताओं से सीधे संवाद करते हुए पेयजल परियोजनओं की प्रगति के बारे में भी बारी-बारी से फीडबैक लिया.

जलदाय मंत्री ने कहा कि अधिकारी प्रोजेक्ट्स के कार्यों में गुणवत्ता पर पूरी तरह फोकस करें. किसी भी काम में गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा. प्रोजेक्ट की स्वीकृति में पाईपलाइन और अन्य मैटेरियल जो तय किया गया है, उनका ही मौके पर उपयोग हो. इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाए, ताकि गुणवत्ता पूर्ण कार्यों से लोगों को लम्बे समय तक योजनाओं का बिना किसी रूकावट के लाभ मिल सके.

उन्होंने कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट्स जिनमें ज्यादातार कार्य हो गए हैं, उनमें शेष बची रूकावटों को दूर कर शीघ्रता से पूरा करें. अधिकारी अपने क्षेत्रों का लगातार दौरा करें. इस दौरान डॉ. कल्ला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी जिलों में वे अपने अधीन आने वाले क्षेत्रों को लगातार दौरा कर लोगों की पेयजल सम्बंधी समस्याओं पर करीबी नजर रखें.

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साथ ही मंत्री ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और अधिशाषी अभियंता अपने इलाकों में भ्रमण के दौरान लोगों को जल की बचत और संरक्षण के लिए भी प्रेरित करें. लोगों की समय पर पेयजल की आपूर्ति हो रही है या नहीं इसके बारे में फील्ड विजिट के दौरान मौके पर जानकारी लेकर समुचित पेयजल प्रबंधन सुनिश्चित करें. बीडी कल्ला ने कहा कि आने वाले दिनों में जल और स्वच्छता सहयोग संगठन के माध्यम से लोगों को जल संरक्षण के बारे में शिक्षित करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे.

विधायकों के कार्यों को दें सर्वोच्च प्राथमिकता

जलदाय मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी जिलों में मुख्यमंत्री की ओर से दी गई 25-25 लाख रुपए की विशेष स्वीकृति के बाद विधायकों की अनुशंसा पर शुरू किए गए कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उसे पूरा कराएं. उन्होंने कहा कि जिन विधायकों की तरफ से अभी प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए, अधिकारी उनसे संपर्क कर जल्द से जल्द प्रस्ताव प्राप्त करें. उन्होंने सभी जिलों में कंटीजेंसी प्लान के तहत स्वीकृत कार्यों को भी समय पर पूरा करने के निर्देश दिए, जिससे लक्षित वर्ग को सही समय पर इनका पूरा फायदा मिले.

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प्रो-एक्टिव तरीके से हो प्लानिंग

डॉ. कल्ला ने कहा कि प्रदेश में जहां-जहां भी पेयजल की ज्यादा समस्या है, वहां पर अधिकारी प्रो-एक्टिव तरीके से प्लानिंग करें. ऐसे क्षेत्रों में जिस तरीके से लोगों को स्थाई राहत प्रदान की जा सकती है, उसके बारे में अपने सुझाव और प्रोजेक्ट बनाकर उच्च स्तर पर भेजें. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में स्थापित आरओ प्लांट और डीएफयू यूनिट्स की सतत मॉनिटरिंग की जाए. जहां भी किसी कारण से आरओ या डीएफयू बंद पाए जाएं वहां सम्बंधित कांट्रेक्टर से सम्पर्क कर उनको चालू कराएं. यह सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी है. इस दौरान कल्ला ने हैंड पम्पों, ट्यूबवेल की खुदाई और कमीशनिंग जैसे कार्यों को विभागीय लक्ष्यों के अनुरूप समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के अधिकारियों को निर्देश दिए.

इन कार्यों की हुई विस्तार से समीक्षा

उन्होंने वीसी में प्रदेश के सभी जिलों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की मौजूदा स्थिति, टैंकर्स के माध्यम से जल परिवहन, हैंड पम्पों और ट्यूबवेल्स की खुदाई और कमीशनिंग के स्टेटस, हैंडपम्प रिपेयरिंग अभियान के दौरान ठीक किए गए हैंडपम्पस के वैरिफिकेशन, कंटीजेंसी प्लान के तहत स्वीकृत कार्यों की प्रगति, विधायकों की अनुशंषा पर स्वीकृत कार्य, आरओ और डीएफयू की क्रियाशीलता, जलदाय योजनाओं के लम्बित विद्युत कनैक्शंस, अंतर विभागीय मुद्दों, पेयजल की गुणवत्ता, जांच के लिए सैम्पल कलैक्शन और कोविड के कारण प्रभावित हुए परियोजनओं के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की. उन्होंने सभी जिलों, गांवों, ढाणियों, कस्बों, शहरों, कच्ची बस्तियों और अन्य आबादियों से सम्बंधित प्रकरणों के बारें में अभियंताओं से सवाल किए और इनके बारे में उनको आवश्यक निर्देश दिए.

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कंटीजेंसी प्लान में 1605.14 लाख के काम मंजूर

जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने वीसी के दौरान जानकारी दी कि इस वर्ष गर्मियों के लिए कंटीजेंसी प्लान के तहत प्रदेश के जिलों में 1605.14 लाख रुपये की राशि के 408 कार्य स्वीकृत किए गए हैं. इनमें से 304 कार्य मौके पर शुरू हो चुके हैं. 130 कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि विधायकों की अनुशंसा पर विभाग द्वारा लगातार कार्य स्वीकृत किए जा रहे हैं. अब तक 25-25 लाख की राशि के तहत जिलों से विधायकों की ओर से 624 कार्यों की सूची प्राप्त हुई है. इनमें से 9 करोड़ 20 लाख रुपए की राशि के 265 कार्य स्वीकृत किए जा चुके हैं. शेष की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है.

प्रति सप्ताह दो दिन हो फील्ड विजिट

प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने अतिरिक्त मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पेयजल प्रबंधन में सुधार के लिए प्रति सप्ताह अपने अधीन आने वाले जिलों के गांवों में कम से कम दो दिन और एक रात बिताएं. मौके पर लोगों की समस्याओं का आंकलन करें और अपने लम्बे अनुभव को अधीनस्थ अभियंताओं के साथ साझा करें. उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिलों में हैंड पंप और ट्यूबवेल की खुदाई और कमीशनिंग के कार्यों में गति लाएं और बरसात से पहले इनका काम पूरा करें.

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