जयपुर. पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है. इस लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशान दूसरे प्रदेशों के प्रवासी हैं, जो लॉकडाउन के दौरान यहां अटक गए हैं. इनमें कई प्रवासी ऐसे भी हैं, जो अपने प्रदेशों में पहुंचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल ही अपने घर से निकल गए थे. लेकिन सभी राज्यों के बॉर्डर सील होने के चलते प्रदेश सरकार ने इनको शेल्टर होम में रखा है. जहां उन्हें रहने खाने की कोई तकलीफ नहीं है.
शेल्टर होम में प्रवासियों ने कोरोना वॉरियर्स के समर्थन में जलाए दीये ये प्रवासी न तो अपने राजस्थान के घर में हैं और न ही अपने प्रदेशों के घर में इसलिए शेल्टर होम में इनका परेशान होना भी तय था. इन प्रवासियों का एक कहना था कि ना उन्हें खाना चाहिए, ना उन्हें कोई और संसाधन, उन्हें बस उनके घर पहुंचा दिया जाए. लेकिन 5 अप्रैल को रात 9 बजे जो 9 मिनट की दिवाली मनी, उसमें कहीं न कहीं इन प्रवासियों को भी कुछ देर की ही सही, लेकिन खुशी जरूर पहुंचा दी.
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इन प्रवासियों ने भी 5 अप्रैल को 9 मिनट की दिवाली मना कर ये संदेश दिया कि चाहे कुछ भी हो कितनी भी परेशानियों का उन्हें सामना करना पड़े, लेकिन वह सरकार के नियम जरूर मानेंगे और इसका उदाहरण बना रात 9 बजे 9 मिनट की दिवाली मनाने वाला चौमू का लोहरवाड़ा शेल्टर होम.
यहां कुछ दिन पहले ये केवल एक बात कहते नजर आ रहे थे कि उन्हें सरकार से मिल रही सुविधाएं नहीं चाहिए, उन्हें अपने घर जाना है. इस दौरान वह काफी दुखी भी थे. लेकिन अब 5 अप्रैल को रात 9 बजे जिस तरीके से इन पर वासियों ने दीपक जलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम में अपना समर्थन दिया, वो देखने लायक था.
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इन प्रवासियों ने न केवल दीपक जलाए, बल्कि भारत का नक्शा भी बनाया और उस नक्शे पर इन्होंने दीपक रखे. ये संदेश दिया कि इस कोरोना वायरस के संक्रमण रूपी विपदा में पूरा देश एक साथ है और नागरिक चाहे किसी भी प्रदेश का हो, लेकिन वो सबसे पहले भारतीय है और भारत पर आई किसी भी विपदा में वो एक साथ खड़े हैं.