जयपुर.कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश के स्कूल 14 मार्च से बंद हैं. ऐसे में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 62.67 लाख छात्रों को स्कूलों में मिलने वाला मिड-डे-मील भी बंद है. केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकार की ओर से अब तक 57 हजार मीट्रिक टन गेहूं और चावल छात्रों तक पहुंचाए गए. लेकिन अभी भी कुकिंग कनवर्जन कॉस्ट के हिस्से के दाल, मसाले और तेल बच्चों तक नहीं पहुंचे हैं. वहीं गेहूं और चावल भी छात्रों तक जून महीने तक का ही पहुंचाया गया है.
केंद्र सरकार के निर्देश पर कोरोना काल में हुए लॉकडाउन में मिड-डे-मील की वैकल्पिक व्यवस्था की गई. पके हुए भोजन की बजाय सूखे राशन को लाखों छात्रों तक पहुंचाया गया. यही नहीं केंद्र सरकार मिड-डे-मील की राशि भी लगातार भेज रही है. पहली से पांचवी तक के छात्रों के लिए 4.97 रुपए और छठी से आठवीं तक के छात्रों के लिए 7.45 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से कुकिंग कनवर्जन कॉस्ट की राशि दी जा रही है. प्रदेश के 62.67 लाख छात्रों के लिए बीते 6 महीने में करीब 500 करोड़ रुपए की राशि आ चुकी है. लेकिन प्रदेश के शिक्षा विभाग ने अब तक इस राशि का पूरा इस्तेमाल नहीं किया. छात्रों के हक का अधूरा निवाला ही उन तक पहुंचाया गया.
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार:
हालांकि शिक्षा विभाग अब जून महीने के बाद से लेकर स्कूल बंद रहने तक का सूखा राशन छात्रों तक पहुंचाने की तैयारी कर रहा है. साथ ही कनवर्जन कॉस्ट के हिस्से के दाल, मसाले और तेल आदि भी छात्रों तक पहुंचाए जाएंगे. इस संबंध में प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने कहा कि मिड-डे-मील के तहत स्कूलों में चावल और गेहूं के साथ खाने में 3 दिन दाल, 3 दिन सब्जी भी बच्चों को खिलाई जाती है.