जयपुर. कोरोना संकट की दूसरी लहर से राजस्थान बेहाल है. इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की सूची में राजस्थान टॉप-5 प्रदेशों में शुमार है. कोरोना संक्रमण के सक्रिय मरीज 2 लाख का आंकड़ा पार कर चुके हैं. हर दिन 16 हजार से ज्यादा नए संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. रोज 150-165 कोरोना संक्रमितों की मौत हो रही है. यह आंकड़े सरकार को चिंतित कर रहे हैं. लोगों के मन में भी खौफ भर रहे हैं. सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि पहली लहर में महामारी कोविड-19 से अछूते रहे ग्रामीण इलाके भी अब इसकी चपेट में आ रहे हैं. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि कुल संक्रमित मरीजों में से 40 फीसदी मरीज ग्रामीण इलाकों में मिल रहे हैं. जबकि कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों में से 40 फीसदी ग्रामीण इलाकों से संबंध रखते हैं.
कोरोना से ग्रामीणों को बचाने के लिए गांव कमेटियां बनेंगी ढाल पढ़ें- SPECIAL : 31 मई तक होने वाली 13000 शादियों के लिए मांगी गई परमिशन...फेरे फिर हो जाएंगे, जिंदगी न मिलेगी दोबारा
गांव-गांव कोरोना संक्रमण ने बढ़ाई टेंशन
राजस्थान के गांवों में कोरोना संक्रमण के लगातार तेजी से बढ़ते आंकड़ों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. क्योंकि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं इतनी मजबूत नहीं है कि कोरोना की भयावह होती दूसरी लहर का मुकाबला कर पाएं. कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने का सरकार का फार्मूला भी तब तक सफल नहीं हो पाएगा, जब तक ग्रामीण इलाकों में कोरोना को काबू नहीं किया जाता है.
मेरा गांव, मेरी जिम्मेदारी अभियान
ऐसे में अब गांवों में रहने वाले लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सरकार ने अलग रणनीति बनाई है. पुलिस की मदद से गांवों में मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के माध्यम से गांवों में समितियां बनाई जा रही हैं, जो ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण से बचाने में ढाल की भूमिका निभाएंगी.
ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की सख्ती हर गांव में समितियां
जयपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में पुलिस के सहयोग से हर गांव में 10 लोगों की समितियां बनाई जा रही है. इनमें जनप्रतिनिधियों के साथ ही चिकित्साकर्मियों, आंगनबाड़ी स्टाफ, ग्राम सचिव और गांव के जिम्मेदार लोगों को शामिल किया जा रहा है.
पढ़ें- SPECIAL: कोरोना से किराना सामान महंगा, किचन का बजट बिगड़ा
ग्राम समितियों को अहम जिम्मेदारी
इन समितियों के माध्यम से कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाने के साथ ही सफाई व्यवस्था सुचारू करवाना, गांव को सेनेटाइज करवाना, लोगों को जागरूक करना और शादी समारोह या अन्य आयोजनों को समझाइश कर निरस्त करवाना जैसे काम करवाए जा रहे हैं. कोरोना संक्रमित मरीज मिलने पर उसके और परिवार के उपचार की व्यवस्था करवाने, कोविड संबंधी जांच करवाने और ग्रामीणों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करने का काम भी इन समितियों के माध्यम से किया जा रहा है.
कोरोना संक्रमण चेन तोड़ने के लिए जनसहभागिता जरूरी
जयपुर ग्रामीण एएसपी रामकुमार कस्वां बताते हैं कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ना बिना जनसहभागिता के संभव नहीं है. मुख्यालय पर बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी एक समय में सभी गांवों में पहुंचना संभव नहीं है. ऐसे में जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में करीब 300 ग्राम समितियों का गठन किया गया है. ये समितियां कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाने से लेकर कोरोना संक्रमितों का उपचार करवाने तक की जिम्मेदारी बखूभी निभा रही हैं. मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जुड़वाने की जिम्मेदारी भी ग्राम कमेटियों को दी जा रही है.
लोगों का लिया जा रहा सैंपल पहले भी ग्राम समितियों ने अच्छा काम किया
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का मानना है कि कोरोना संक्रमण के पहले दौर में गांव स्तर पर बनी कमेटियों के कारण ही इस महामारी से गांवों को बचाना संभव हो पाया था. उस समय बाहर से आने वाले प्रवासियों को क्वॉरेंटाइन करने, अनावश्यक रूप से लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने देने, बिना कारण लोगों को गांव से बाहर नहीं जाने देने और घर-घर सर्वे कर संक्रमित मरीजों का पता लगाने में ग्राम स्तर पर बनी समितियों ने उल्लेखनीय काम किया था. इसी तर्ज पर इस बार भी ग्राम समितियों का गठन किया गया है.
पढ़ें- SPECIAL: योग से कोरोना को हराने की मुहिम, कोविड के मरीजों को सिखा रहे योग...महामारी को मात दे चुके जयपुर के विनीत
ग्रामीणों की ढाल बनाकर कोरोना से बचाएंगी समितियां
ग्राम समितियां आईएलआई के मरीजों को चिह्नित कर उनकी जांच करवाने, उन्हें उपचार मुहैया करवाने, गांव में अनावश्यक रूप से लोगों को घरों से बाहर निकलने से रोकने के लिए काम कर रही है. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने भरोसा जताया है कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने में ग्राम समितियां अपनी अहम भूमिका निभाएंगी. ग्राम समितियां विकट समय में ग्रामीणों की ढाल बनकर इस घातक महामारी से उन्हें बचाएगी.
गांवों में कोरोना संक्रमण के 40 फीसदी आंकड़े
चिकित्सा विभाग के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 40 फीसदी आंकड़े ग्रामीण इलाकों के हैं. जबकि कोरोना संक्रमितों की मौत के भी 40 फीसदी मामले ग्रामीण इलाकों में ही सामने आ रहे हैं. ऐसे में यह फार्मूला सफल रहा तो ग्रामीण इलाकों में कोरोना को हराने में इन ग्राम कमेटियों की अहम भूमिका साबित होगी.