जयपुर. भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण से संबंधित विषयों को लेकर गुरुवार को एक बार फिर आरक्षण संघर्ष समिति के साथ सरकार की बैठक हुई. बैठक के बाद जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं ने बैठक को सकारात्मक बताया. उन्होंने कहा कि सरकार से तीन बिंदुओं को लेकर मांग थी. जिनमें से एक मांग पहले पूरी हो चुकी है. 2 मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया है. बैठक पूरी तरह सकारात्मक और संतुष्ठ करने वाली रही.
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि सरकार के साथ वार्ता सकारात्मक रही. हम वार्ता से पूरी तरह संतुष्ट हैं. आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकार के समक्ष पूर्व में तीन मांगे रखी थी. जिनमें से पहली जो मुख्य मांग थी कि भरतपुर-धौलपुर जाट समाज को ओबीसी में आरक्षण को लेकर चिट्ठी केंद्र सरकार को लिखी जाए. जिसे राज्य सरकार ने पिछले दिनों पूरा कर दिया. राज्य सरकार ने भरतपुर-धौलपुर के जाटों को आरक्षण देने की अनुशंसा चिट्ठी केंद्र को भेज दी है.
पढ़ें:बजट से पहले सीएम अशोक गहलोत ने खोला राहत का पिटारा, बेरोजगारों को दिया ये खास तोहफा...
फौजदार ने कहा कि इसके अलावा दो शेष मांग जिनमें आंदोलन के दौरान लगे मुकदमे वापस लेने और 2016 भर्ती में शेष बचे अभ्यर्थियों को नौकरी देने के संबंध में थी. सभी संबंधित अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे. उन्होंने आश्वस्त किया है कि भर्ती प्रक्रिया में जो भी नियमानुसार लाभ दिया जा सकता है, वह कानूनी राय लेकर जल्द पूरा किया जाएगा. इसके साथ ही मुकदमों में भी कानूनी राय लेकर जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया है.
उन्होंने कहा कि कुल 11 भर्तियों में से 40 पदों पर आरक्षण नियमों की पालना के तहत नियुक्ति होनी है. सरकार ने कुछ भर्तियों में नियुक्ति दे दी है. शेष पर जल्द ही नियुक्ति दे दी जाएगी. इसके अलावा 28 मामलों में चल रहे मुकदमों में से 20 में न्यायिक प्रक्रिया जारी है. बाकी 8 मुकदमों में एफआर लग गई है. बैठक में मुकदमों की प्रक्रिया तेज करने का आश्वासन दिया गया है. बैठक में कार्मिक विभाग, गृह विभाग, पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे. बता दें कि भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा आंदोलन करने की धमकी के बाद राज्य सरकार ने आरक्षण संघर्ष समिति की मांगों को पूरा करने का लिखित में आश्वासन दिया था.