जयपुर.देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका को देखते हुए राजस्थान सरकार अभी से आवश्यक कदम उठाते हुए सख्त निर्णय लेना शुरू कर दिए हैं. अब राजस्थान में किसी भी अन्य राज्य से आने वाले यात्रियों को 72 घंटे पहले आरटी पीसीआर टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा, वरना उन्हें 15 दिन क्वॉरेंटाइन रहना होगा. प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में रात 10 बजे से बाजार बंद होंगे, वहीं जयपुर सहित 8 शहरों में नाइट कर्फ्यू के भी निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये निर्णय लिया गया है.
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रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार, चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया और चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन सहित अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण दुनिया के कई के साथ ही देश के कई राज्यों में भी फिर तेजी बढ़ रहा है. राजस्थान में भी पिछले दिनों में कोरोना पॉजिटिव केस अचानक बढ़े हैं. ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर से लोगों का जीवन बचाने तथा आजीविका को सुचारू रखने के लिए कुछ कदम उठाना जरूरी है, नहीं तो स्थिति भयावह हो सकती है.
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मुख्यमंत्री ने विगत एक वर्ष में विभिन्न त्योहारों पर आमजन की ओर से बरती गई सावधानी एवं सहयोग की सराहना की. साथ ही कहा है कि वो संक्रमण फैलने से रोकने की दृष्टि से होली-धुलण्डी सहित आगामी सभी त्योहारों पर भीड़-भाड़ से बचें. परिवार सहित त्योहार घर पर ही मनाएं और कोविड प्रोटोकॉल की पालना निरंतर करें. सीएम गहलोत ने धार्मिक ट्रस्टों, प्रबंध समितियों एवं स्वयंसेवी संगठनों से अपील की है कि ये दर्शन करने वालों को के लिए मास्क व सेनेटाइजिंग आदि की समुचित व्यवस्था करें. ये सभी दिशा-निर्देश तुरंत प्रभाव से लागू होंगे.
बैठक में कोविड संक्रमण की बढ़ती स्थिति व अन्य राज्यों में बढ़ते केसेज को देखते हुए ये निर्णय लिए गए हैं, जो कि 21 मार्च 2021 से 31 मार्च 2021 तक लागू रहेंगे -
- आगामी 25 मार्च से राजस्थान में बाहर से आने वाले सभी यात्रियों के लिए 72 घंटे के भीतर की आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगी पूर्व में केरल,महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश के लिए इसकी अनिवार्यता थी.
- अब सभी राज्यों के लिए इसे अनिवार्य किया गया है. एयरपोर्ट, बस स्टैण्ड तथा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की जांच भी की जाएगी.- जो यात्री नेगेटिव रिपोर्ट के बिना आएंगे उन्हें 15 दिन के लिए क्वारंटीन रहना होगा। सभी जिला कलक्टर अपने जिलों में संस्थागत क्वारेंटीन की व्यवस्था भी फिर से प्रारम्भ करेंगे.
- कार्यालयों में कार्मिकों को कार्य की आवश्यकता के अनुरूप ही कार्यालय अध्यक्ष द्वारा कार्मिकों को बुलाया जाए. इस संबंध में कार्यालय अध्यक्ष निर्णय लेने के लिए अधिकृत होंगे.
- राज्य के सभी नगरीय निकायों में 22 मार्च से रात्रि 10 बजे के बाद बाजार बंद रहेंगे. अजमेर, भीलवाड़ा, जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, सागवाड़ा व कुशलगढ़ में रात्रि 11 से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा.
- नाइट कर्फ्यू की बाध्यता उन फैक्ट्रियों पर लागू नहीं होगी जिनमें निरंतर उत्पादन होता है तथा रात्रिकालीन शिफ्ट की व्यवस्था है. साथ ही आईटी कंपनियां, रेस्टोरेंट, कैमिस्ट शॉप, अनिवार्य एवं आपातकालीन सेवाओं से संबंधित कार्यालय, विवाह संबंधी समारोह, चिकित्सा संस्थान, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन एवं एयरपोर्ट से आने-जाने वाले यात्री, माल परिवहन करने वाले वाहन तथा लोडिंग एवं अनलोडिंग के नियोजित व्यक्ति नाइट कार्यों की व्यवस्था से मुक्त होंगे.
- सभी संस्थानों में मास्किंग, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजिंग की अनिवार्य पालना सुनिश्चित करनी होगी, अन्यथा इन्हें सीज किया जा सकेगा. - मिनी कंटेंनमेंट जोन की व्यवस्था फिर से लागू होगी, जहां भी पांच से अधिक पॉजिटिव केस सामने आएंगे, वहां उस क्लस्टर या अपार्टमेंट को कंटेंनमेंट जोन घोषित किया जाएगा. बीट कांस्टेबल की निगरानी में कंटेनमेंट की सख्ती से पालना कराई जाएगी.
- प्राथमिक स्कूल आगामी आदेश तक बंद रहेंगे। इससे ऊपर की कक्षाओं एवं कॉलेजों में कोविड प्रोटोकॉल की पालना के साथ शैक्षणिक गतिविधियां संचालित होंगी. इनमें स्क्रीनिंग एवं रेंडम टेस्टिंग अनिवार्य होगी. अभिभावकों की लिखित सहमति से ही बच्चे शिक्षण संस्थानों में आ सकेंगे. कक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी उपस्थित नहीं हो सकेंगे.
- विवाह समारोह 200 एवं अंतिम संस्कार में अधिकतम 20 लोगों को ही अनुमत किया जाएगा. विवाह की सूचना संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को ई-मेल से भी दी जा सकेगी.
-प्रशासन के मांगने पर विवाह समारोह से संबंधित वीडियोग्राफी उपलब्ध करानी होगी. साथ ही बंद स्थानों पर होने वाले अन्य समारोह में भी हॉल क्षमता की 50 प्रतिशत क्षमता तक अधिकतम 200 लोगों के लिए ही अनुमति होगी. इसके लिए प्रशासन को पूर्व सूचना देना अनिवार्य होगा.
- एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में खुले स्थानों पर होने वाले सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक आदि सार्वजनिक कार्यक्रमों में अधिकतम 200 व्यक्तियों की सीलिंग रहेगी.
- धार्मिक स्थलों पर आयोजित होने वाले उत्सवों, त्यौहारों, मेलों आदि के संदर्भ में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपील की है कि प्रबंध समितियां ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था कराए. आमजन भी परिवार सहित स्वयं के घर में दर्शन करें.