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RGHS: मेडिकल स्टोर्स व अस्पताल योजना से बना रहे दूरी, 100 करोड़ का बिल बकाया

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Published : Sep 4, 2022, 5:35 PM IST

राजस्थान में आरजीएचएस योजना से जुड़े अस्पताल और मेडिकल स्टोर्स के बिल (Payment due of RGHS Medical stores) पिछले कुछ समय से बकाया चल रहे हैं. जिसके चलते अस्पताल और मेडिकल स्टोर्स इस स्कीम से दूरा बना रहे हैं.

Medical stores withdraws of RGHS
आरजीएचएस से जुड़े मेडिकल स्टोर्स का बिल बकाया

जयपुर.राजस्थान सरकार की आरजीएचएस यानी राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (Rajasthan Government Health Scheme) से अब मेडिकल स्टोर्स दूरी बना रहे हैं. पिछले कुछ समय से मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों के बिल बकाया चल रहे हैं, जिनका भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है.

राजस्थान सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को कैशलेस इलाज और दवाइयां उपलब्ध करवाने (Payment due of RGHS Medical stores ) के लिए आरजीएचएस स्कीम शुरू की थी. स्कीम के जरिए दायरे में आने वाले सरकारी कर्मचारी और पेंशनर योजना से जुड़े हुए प्राइवेट अस्पतालों में अपना कैशलेस इलाज करवा सकते हैं. इस योजना से सम्बद्धित मेडिकल स्टोर से दवाइयां भी ले सकते हैं. लेकिन कुछ अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स ने इस योजना से धीरे-धीरे दूरी बनाना शुरू कर दिया है. इसका मुख्य कारण है अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स को समय पर भुगतान नहीं मिल पाना.

जयपुर केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरीश कौशिक का कहना है कि सरकार की (Medical stores withdraws of RGHS) आरजीएचएस से जयपुर और प्रदेश भर के कई मेडिकल स्टोर्स और अस्पताल जुड़े हुए हैं. कौशिक का कहना है कि आमजन को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के मकसद से सरकार की तरफ से यह योजना शुरू की गई थी. लेकिन अब धीरे-धीरे इसमें कुछ खामियां देखने को मिल रही हैं. सबसे बड़ी खामी यह है कि कुछ समय से मेडिकल स्टोर्स के बकाया बिलों का भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है. जिसके कारण मेडिकल स्टोर संचालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस बारे में कई बार सरकार को अवगत भी करवाया गया है. वहीं कुछ ऐसे अस्पताल भी हैं, जिन्होंने आरजीएचएस योजना से जुड़ी अस्पताल की ओपीडी को बंद कर दिया है.

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आंकड़ों की बात करें तो

  • पूरे राजस्थान में तकरीबन 40 से 45 हजार मेडिकल स्टोर इस योजना से जुड़े हुए हैं.
  • जयपुर में 8 से 10 हजार मेडिकल स्टोर्स पर आरजीएचएस की सुविधा उपलब्ध है.
  • तकरीबन 300 से अधिक अस्पताल इस योजना से जुड़े हुए हैं.
  • पिछले कुछ समय से बकाया बिलों की पेंडेंसी लगातार बढ़ती जा रही है.
  • एसोसिएशन की मानें तो विभाग 2 महीने से पेंडेंसी से जुड़े बिल क्लियर कर रहा है.
  • तकरीबन पूरे प्रदेश में करीब 100 करोड़ रुपए के बिल बकाया चल रहे हैं.
  • SMS अस्पताल के सामने संचालित हो रहे मेडिकल स्टोर्स अब इस योजना से दूरी बनाने लगे हैं.

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योजना का हो रहा दुरुपयोग :वहीं सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही इस आरजीएचएस (Fraud in RGHS) का दुरुपयोग भी किया जा रहा है. आरजीएचएस के परियोजना निदेशक से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में कुछ ऐसे प्रकरण सामने आए हैं, जहां आरजीएचएस योजना का दुरुपयोग पाया गया. विभाग की ओर से हाल ही में भरतपुर में एक कार्रवाई को अंजाम दिया गया जहां एक मेडिकल स्टोर पर डॉक्टर दौलतराम धाकड़ के लिखे हुए इलाज से जुड़े पर्चे मिले. विभाग ने बताया कि इस चिकित्सक की ड्यूटी बयाना में है और दवाइयों के पर्चे भरतपुर में पाए गए हैं.

जब पोर्टल पर इसकी जांच की गई तो तकरीबन 600 में से 550 पर्चे इसी डॉक्टर के लिखे हुए पाए गए. मेडिकल स्टोर पर हर महीने करीब 20 लाख रुपए की बिलिंग पाई गई. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जयपुर में भी कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जहां आरजीएचएस योजना से एंपेनल्ड अस्पतालों के चिकित्सक ऐसे अस्पतालों में जाकर अपने पर्चे पर दवाइयां लिख रहे हैं जो आरजीएचएस योजना से जुड़े हुए नहीं है. ऐसे में विभाग ने 2 मामले दर्ज करवाए हैं.

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