जयपुर. प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ पर निशाना लगाते हुए कहा, कि कोरोना को लेकर पूरा देश एकजुट होकर इस महामारी के खिलाफ लड़ रहा हैं, वहीं राजस्थान में भाजपा के कुछ नेता सहयोग करने के बजाए पोलराइजेशन की राजनीति करने पर उतारू हैं. ऐसे वक्त में ऐसी राजनीति बेहद अफसोसजनक और शर्मनाक है.
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा कि राजेंद्र राठौड़ को नसीहत मंत्री रघु शर्मा ने कहा, कि उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश में हो रही स्क्रीनिंग को लेकर सवाल उठाए हैं. ऐसे में मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि स्क्रीनिंग पर सवाल उठाकर राजेंद्र राठौड़ ने तमाम चिकित्सा और स्वास्थ्यकर्मियों के मनोबल को तोड़ने और उनकी मजाक बनाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि अपनी जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रदेश भर में 6 करोड़ से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग करने का काम किया है. वहीं, सरकार ने 1 लाख से ज्यादा क्वारेंटाइन बैड की व्यवस्था संदिग्धों और संक्रमितों के लिए की है. सरकार घरों से भी अच्छी सुविधाएं क्वारेंटाइन में उपलब्ध करवा रही है.
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उन्होंने कहा कि उपनेता प्रतिपक्ष कभी भी रामगंज में आकर यहां काम कर रही चिकित्सा, प्रशासन और पुलिस की टीमों को देख सकते हैं. दरअसल, राजेंद्र राठौड़ ने यह बयान दिया था कि कोरोना मामले पर सरकार ने विपक्षी दलों को नहीं बुलाया जिसे लेकर मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि कोविड की राज्य में शुरुआत के वक्त ही मुख्यंमत्री ने 3 बार विपक्षी दलों को बुलाया था. जिसमें, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ बैठक में उपस्थित रहे.
मंत्री शर्मा ने कहा... नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से कुछ सीखना चाहिए
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी बैठक में आमंत्रित थे, लेकिन शायद वे किसी पॉलीटिकल मिशन में दिल्ली व्यस्त थे. मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों और अधिकारियों के साथ बैठकर बातचीत की थी. चिकित्सा मंत्री ने कहा, कि आज के दौर में सरकार को यह उम्मीद नहीं थी कि विपक्ष के जिम्मेदार नेता आमजन की मदद करने की बजाए औछी राजनीति करने लगेंगे.
उन्होंने कहा कि उपनेता प्रतिपक्ष को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से कुछ सीखना चाहिए कटारिया नेे कोविड को लेकर कभी हल्का बयान नहीं दिया है. मंत्री रघु शर्मा ने राजेंद्र राठौड़ को नसीहत देते हुए कहा, कि आपदा की घड़ी में उन्हें इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए क्योंकि उनके इस तरह के बयानों से राजनीति की गंदी बू आ रही है.