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राजस्थान री आस: केंद्र सरकार अस्पतालों में सुपर स्पेशलिटी विंग को दे प्राथमिकता, ताकि बेहतर मिल सके इलाज

केंद्र की मोदी सरकार 1 फरवरी को बजट पेश करने जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दूसरी बार आम बजट पेश करेंगी. ऐसे में प्रदेश की चिकित्सा व्यव्स्था को लेकर भी इस बजट में उम्मीद जताई जा रहा है. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से राजस्थान को नए मेडिकल कॉलेजों की सौगात भी मिली थी. जिसके बाद प्रदेश के 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज होंगे.

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चिकित्सा विभाग को बजट से आस

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Published : Jan 23, 2020, 4:58 PM IST

जयपुर.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेंगी. इस बजट से राजस्थान के आम लोगों और कारोबारियों को काफी उम्मीदें हैं. वहीं प्रदेश का चिकित्सा विभाग भी इस बजट से काफी आस लगाएं बैठा है, हालांकि हाल ही में केंद्र की ओर से राजस्थान को नए मेडिकल कॉलेजों की सौगात भी मिली थी. जिसके बाद प्रदेश के 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज होंगे.

चिकित्सा विभाग को बजट से आस

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'प्रदेश में अभी भी अस्पतालों में सुपर स्पेशलिटी विंग की कमी'
वहीं प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के मौजूदा स्थिति की बात करें तो अभी भी मरीजों को इलाज को लेकर पूरी सुविधा नहीं मिल पा रही है. हाल ही में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से अस्पतालों में बच्चों की मौत के मामले भी सामने आए थे, मामले को लेकर प्रदेश के पूर्व चिकित्सा मंत्री और मौजूदा भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि प्रदेश में अभी भी अस्पतालों में सुपर स्पेशलिटी विंग की कमी है. ऐसे में अगर प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद सुपर स्पेशलिटी विंग खोले जाएंगे तो निश्चित तौर पर मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा.

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'प्रदेश में चिकित्सकों की कमी बनी'
पूर्व चिकित्सा मंत्री ने यह भी कहा कि हाल ही में प्रदेश को नए मेडिकल कॉलेजों की सौगात मिली है, लेकिन अभी भी चिकित्सकों की कमी बनी हुई है तो ऐसे में केंद्र सरकार मामले में हस्तक्षेप करें ताकि चिकित्सकों की कमी प्रदेश में दूर की जा सके. इसके अलावा केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना ठीक ढंग से प्रदेश में है लागू नहीं की गई है. ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि इस योजना को प्रभावी रूप से लागू किया जाए और इस योजना को लेकर केंद्र सरकार भी पूरा पैसा प्रदेश को दें.

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आयुष्मान योजना से मिल रहा गरीब लोगों को इलाज
वहीं स्वास्थ्य मामलों की जानकारी रखने वाले डॉक्टर अखिलेश जैन का कहना है कि केंद्र सरकार ने जो आयुष्मान भारत योजना लागू की है, वह एक माइलस्टोन है. इस योजना के चलते देश के हर गरीब आदमी को आज इलाज मिल रहा है. लेकिन अब मरीजों को घर बैठे भी इलाज मिल सके, इसे लेकर केंद्र सरकार को कोई योजना लानी चाहिए, क्योंकि प्रदेश के मौजूदा सरकारी अस्पतालों की बात करें तो अभी भी मरीजों को इलाज के लिए बेड नहीं मिल पाता. ऐसे में अगर घर पर भी क्रॉनिकल डिजीज से जुड़े मरीजों को इलाज मिल सके तो अस्पताल में भीड़ काफी कम हो सकेगी और जरूरतमंद व्यक्ति को सही समय पर इलाज मिल पाएगा.

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