जयपुर. राजस्थान में 16 जनवरी से कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत हुई. अब तक 50 लाख से अधिक लाभार्थियों को कोविड-19 वैक्सीन लगाई जा चुकी है. इस बीच वैक्सीन से निकलने वाला बायो वेस्ट के निस्तारण को लेकर भी चिकित्सा विभाग ने विशेष व्यवस्था की है. रिपोर्ट देखिये.
वैक्सीन के बायो वेस्ट का हो रहा सुरक्षित निस्तारण चिकित्सा विभाग ने अलग-अलग स्थानों पर बायो वेस्ट डिपो बनाए हैं. वैक्सीन से निकलने वाले वेस्ट का यहीं से निस्तारण किया जा रहा है. मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ नरोत्तम शर्मा का कहना है कि जयपुर के अलग-अलग स्थानों पर वैक्सीनेशन से जुड़ा कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसके तहत सीएचसी पीएचसी जिला अस्पताल और एसएमएस मेडिकल कॉलेज से अटैच सभी अस्पतालों में लाभार्थियों को टीका लगाया जा रहा है.
बायो वेस्ट प्रबंधन पर दिया जाता है जोर इसी बीच वैक्सीन से निकलने वाले बायो वेस्ट के निस्तारण के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है. आमतौर पर वैक्सीनेशन के दौरान इंजेक्शन और सिरिंज बायोवेस्ट के रूप में बाहर निकलते हैं. सुचारू रूप से इनका निस्तारण भी किया जा रहा है.
चिकित्सा विभाग ने अलग-अलग स्थानों पर बनाए बायो वेस्ट डिपो पढ़ें-45 की उम्र तक के 4 लाख लोगों का 1 अप्रैल से होगा वैक्सीनेशन
हो सकता है इंफेक्शन
जयपुर में वैक्सीनेशन कार्यक्रम का जिम्मा संभाल रहे डॉक्टर नरोत्तम शर्मा का कहना है कि यदि वैक्सीनेशन के दौरान एक ही सिरिंज को कई बार यूज लिया जाए तो इससे इंफेक्शन हो सकता है. विभाग के पास ट्रेंड हेल्थ वर्कर हैं जो प्रॉपर रूप से वैक्सीनेशन का जिम्मा संभाल रहे हैं. इंजेक्शन और सिरिंज को उपयोग में लेने के बाद उसे काट दिया जाता है ताकि गलती से उसका दोबारा से उपयोग नहीं हो सके.
सुरक्षित प्रक्रिया है वैक्सीनेशन की उच्च तापमान पर निस्तारण
आमतौर पर सभी अस्पतालों को मेडिकल बायो वेस्ट के निस्तारण के लिए रजिस्ट्रेशन करना होता है. हर दिन मेडिकल बायो वेस्ट को संबंधित फर्म द्वारा एकत्रित किया जाता है और एक निश्चित स्थान पर जहां बायोवेस्ट और अन्य कचरे के लिए डिपो बनाया गया है, वहां उच्च तापमान पर जलाकर बायोवेस्ट का निस्तारण किया जाता है. हालांकि चिकित्सकों का यह भी कहना है कि वैक्सीनेशन कार्यक्रम के दौरान काफी कम संख्या में बायोवेस्ट बाहर निकल रहा है. इसके निस्तारण में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो रही है.
हम बायो वेस्ट के संकट से दूर हैं